BJP on Hemant Soren: BJP के प्रदेश प्रवक्ता प्रतुल शाहदेव ने कांग्रेस के संवाददाता सम्मेलन पर पलटवार करते हुए कहा कि ED ने हेमंत सोरेन (Hemant Soren) के जमानत के मुद्दे पर जो पिटिशन Supreme Court में दाखिल की है उससे बहुत चौंकाने वाले तथ्य सामने आए।
ऐसा लगता है कि झारखंड में समय थम सा गया है। मुगल विदा हो गए। लेकिन यहां मुगलिया सल्तनत अभी भी जारी है। ED के पिटीशन के अनुसार जहांपनाह का दरबार लगा करता था। सारे सलाहकार जुटते थे और खजाने को लूटने की योजना बनती थी।
उसके बाद सुनियोजित तरीके से खजाने और प्रजा की जमीन की लूट होती थी। यही नहीं जहांपनाह के मातहत काम करने वाले अधिकारियों के यहां भी दरबार लगता था। बालाएं के साथ अधिकारी जाम छलकाते हुए नृत्य करते थे।
प्रतुल ने गुरुवार को कहा की जिस आदिवासी मूलवासी को इन्होंने सत्ता में भागीदारी का वादा किया था, उसी की गाढ़ी कमाई को पूर्ववर्ती सरकार डकार गई। मौजूदा सरकार में भी इस कार्य को आगे बढ़ाया जा रहा है ।
ED के पिटीशन के पॉइंट 54 में इस पूरे प्रकरण का जिक्र है जिसका डिजिटल एविडेंस भी उपलब्ध है।
उन्होंने कहा कि ED ने Supreme Court में हेमंत सोरेन के मामले में दिए पिटीशन के प्वाइंट 51 में स्पष्ट उल्लेख है कि सिर्फ ग्रामीण विकास विभाग में टेंडर में कमीशन का 3000 करोड़ का घोटाला हुआ।जिसके तार सीधे तौर पर आलमगीर आलम से जुड़े हैं जो इनके सहयोगियों ने भी लिखित बयानों में स्वीकार किया है। इन सब बातों पर JMM और कांग्रेस खामोश है।
प्रतुल ने कहा कि कांग्रेस इस बात पर भी खामोश है कि ED ने अपने इसी पिटीशन में यह स्पष्ट किया है कि बढ़गाईं की 8.86 एकड़ जमीन पर हेमंत सोरेन का ही कब्जा था।
ED ने अपने Petition में स्पष्ट किया है कि सर्किल ऑफिसर मनोज कुमार, पिंटू के आप्त सचिव उदय शंकर प्रसाद, पूर्व सीओ शैलेश कुमार और केयरटेकर संतोष पाहन ने गवाही देकर उस जमीन को हेमंत सोरेन की बेनामी जमीन बताया है।
प्रतुल ने कहा कि इसे ही संस्थागत भ्रष्टाचार कहा जाता है जब पूरी की पूरी राज्य सरकार एक होकर लूट का खेल करती है। प्रतुल ने कहा कांग्रेस आज राम भक्त होने का दावा कर रही है।