नई दिल्ली: लोकसभा सदस्य एन के प्रेमचंद्रन ने सुप्रीम कोर्ट द्वारा नियुक्त समिति को लेकर चिंता जताई।
उन्होंने कहा कि जिस तरह समिति ने कृषि कानूनों पर लोगों की राय लेने के लिए सार्वजनिक नोटिस जारी किया, वह चिंतनीय है।
यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि सुप्रीम कोर्ट संसद के डोमेन में अतिक्रमण कर रहा है।
आरएसपी नेता ने लोकसभा में पूछा कि क्या समिति इस तरह लोगों से टिप्पणियां मांग सकती है ?
ऐसे में फिर संसद किस लिए है। किसान जिन कानूनों के खिलाफ आंदोलन कर रहे हैं उन्हें संसद ने पिछले साल पारित किया है।
प्रेमचंद्रन ने कहा, कानून बनाना पूरी तरह संसद का काम है।
सुप्रीम कोर्ट उस पर विचार के लिए समिति बना रही है और हैरत की बात है कि वह समिति कानून पर लोगों के विचार और टिप्पणियां मांग रही है।
टीएमसी समेत अन्य विपक्षी दलों के सदस्यों ने भी प्रेमचंद्रन का समर्थन किया।