Stock Market Update: : 4 जून 2024 को लोकसभा चुनाव (Lok Sabha Elections) जीतने के लिए NDA और इंडिया गठबंधन जद्दोजहद कर रही है।
दूसरे और तीसरे चरण के चुनाव के बाद शेयर बाजार में कम मतदान होने के चलते तेज गिरावट देखने को मिली थी। लेकिन चौथे और पांचवें चरण के मतदान के बाद बाजार ने शानदार रिकवरी दिखाई है।
BJP ने अपने चुनाव घोषणापत्र में जो वादे…
ऐसे में निवेशकों की नजर उन शेयरों पर है जिन्हें BJP के सत्ता में बने रहने पर फायदा मिलने की संभावना है। Investors इसी हिसाब से अपने पोर्टफोलियो को ढालने में लगे हैं।
BJP ने अपने चुनाव घोषणापत्र में जो वादे किए हैं, उनके मुताबिक सरकार का जोर Capital Expenditure पर रहेगा। यानी बुनियादी ढांचे से जुड़े क्षेत्रों को फायदा मिलेगा।
इनमें उद्योग, कैपिटल गुड्स, यूटिलिटीज, डिफेंस, सीमेंट और रियल एस्टेट आदि को लाभ होगा। यहां हम पांच ऐसे सेक्टर्स के बारे में बता रहे हैं जिन्हें मोदी सरकार के बने रहने से सबसे ज्यादा फायदा होगा।
चुनावों से पहले फोकस में रहने वाले 5 क्षेत्र
1- पावर
दो महीने पहले, बिजली मंत्रालय ने National Electricity Plan का मसौदा जारी किया था। इस योजना में 2022 से 2027 तक भारत के ट्रांसमिशन सिस्टम को उन्नत करने के लिए लगभग 4.75 लाख करोड़ रुपये के निवेश की रूपरेखा तैयार की गई है, जिसमें नई लाइनें, सबस्टेशन और अन्य तकनीकें शामिल हैं।
2032 तक भारत का लक्ष्य वर्तमान 426 गीगावाट से बढ़कर लगभग 900 गीगावाट की स्थापित क्षमता हासिल करना है। कैपिटलमाइंड में स्मॉलकेस मैनेजर और सीनियर रिसर्च एनालिस्ट कृष्णा अप्पाला ने कहा कि पावर Utility कंपनियों को इस क्षेत्र में महत्वपूर्ण निवेश के रूप में देखा जाता है।
अकेले ग्रीन एनर्जी सेक्टर में में ₹1.4 लाख करोड़ से अधिक का निवेश हुआ है। Windmill Capital के स्मॉलकेस मैनेजर और सीनियर डायरेक्टर नवीन केआर ने कहा कि इस सरकार के पास ऊर्जा को लेकर बड़ी योजनाएं हैं। अगर सरकार लौटती है तो यह क्षेत्र और आगे बढ़ सकता है।
2- इन्फ्रास्ट्रक्चर
अगर बीजेपी सत्ता में लौटती है, तो इन्फ्रा और कैपिटल एक्सपेंडीचर जारी रहने की उम्मीद है। बर्नस्टीन के वेणुगोपाल गैरे ने कहा कि ऐसी स्थिति में देश में बुलेट ट्रेन, हाइवेज या वॉटरवेज की और महत्वाकांक्षी परियोजनाओं की घोषणा की जा सकती है।
3- टूरिज्म
Capitalmind के अप्पाला ने कहा कि भारत का Hospitality Sector अगले 3-5 साल में ग्रोथ के लिए तैयार है। उन्होंने कहा कि अभी हर कमरे का एवरेज रेट लगभग ₹6900 है, जो कोविड-पूर्व स्तरों से ऊपर है। लेकिन यह वित्त वर्ष 2007 में पहुंचे 7,500 रुपये के स्तर से नीचे है।
ऑक्युपेंसी रेट्स में भी सुधार हुआ है, जो 2007 में 71% की तुलना में वर्तमान में 66% है। रेवेन्यू पर एवलेबल रूम वित्त वर्ष 2007 में अपने चरम लगभग 5,500 रुपये था जो अभी ₹4540 है।
4- रियल्टी
भारत में हाउसिंग और Residential Cycle Covid-19 के बाद दबी हुई मांग और पूंजीगत व्यय में पर्याप्त वृद्धि जैसी सहायक सरकारी नीतियों के कारण मजबूत अपट्रेंड पर है।
जानकारों का कहना है कि यह उछाल उस सीमा तक है जहां आवास सूची 12 साल के निचले स्तर पर है और मांग आपूर्ति से आगे निकल रही है।
2023 में Housing का वॉल्यूम 25% बढ़ा जो 3 साल में लगभग दोगुना है। अगर चुनाव नतीजों में कोई चौंकाने वाली बात सामने नहीं आता है तो रियल्टी क्षेत्र में जोरदार उछाल देखने को मिल सकता है।