रांची: उत्तराखंड के चमोली में आपदा के बाद मिल रहे शवों की पहचान के लिए डीएनए टेस्ट कराया जाएगा।
लोहरदगा के नौ, रामगढ़ के चार और बोकारो के एक कुल 14 लापता श्रमिकों की पहचान अब तक नहीं हो पाई है।
तीनों जिलों से चमोली के आपदा स्थल शुक्रवार को पहुंचे परिजन शवों को देखकर पहचान नहीं कर सके। अब परिजनों और शवों की डीएनए टेस्ट के आधार पर पहचान की जाएगी।
अब तक 14 लापता, झारखंड के 19 लोग हैं फंसे
अब तक 14 लोग लापता हैं और 19 फंसे हुए हैं।
वहीं लातेहार के फंसे 10 लोग सकुशल लौट आए हैं। श्रमायुक्त ए मुथुकुमार ने बताया कि चमोली के पावर प्रोजेक्ट में काम करने वाले श्रमिकों की पहचान के लिए डीएनए टेस्ट एनटीपीसी की मदद से कराया जा रहा है।
इसके बाद उम्मीद की जा रही है कि लापता मजदूरों के बारे में कुछ जानकारी मिल सकेगी।
उन्होंने बताया कि उत्तराखंड के विभिन्न स्थानों पर फंसे और रेस्क्यू कैंप में सुरक्षित ठहरे लोगों की वापसी के लिए रामगढ़, लोहरदगा और लातेहार जिलों के तीन श्रम अधीक्षकों को रवाना कर दिया गया है।
फंसे श्रमिकों और लोगों के परिजन भी गए हैं।
वहां जाकर फंसे लोगों की वापसी के लिए हवाई जहाज, ट्रेन या बस जो भी बेहतर विकल्प होगा, अपनाकर लाया जाएगा।