Sharad Pawar Asked for Caste Based Census: देश में लंबे समय से जाति आधारित जनगणना की मांग की जा रही है। लोकसभा चुनाव (Lok Sabha Elections) से पहले इस मुद्दे को लेकर जमकर चर्चा हुई।
कई राजनीतिक पार्टियों के नेता इसके पक्ष में हैं। चुनावों के बाद अब फिर से इसकी चर्चा शुरू हो गयी है।
राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के नेता शरद पवार ने मंगलवार को प्रेस वार्ता के दौरान जाति आधारित जनगणना को फिर से अपना मजबूत समर्थन दिया। उन्होंने कहा, “आज की स्थिति में बदलाव लाने के लिए इसकी जरूरत है।”
इस मामले को लेकर Nitish Kumar के रुख पर उन्होंने कहा, “वह कई दिनों से इस विचारधारा (जातिगत जनगणना) को समर्थन देते थे। उनकी सरकार ने बिहार में कुछ कदम उठाये हैं, जो अच्छी बात है। नीतीश कुमार अब केंद्र सरकार का हिस्सा हैं। वह इस पर अपनी किस तरह की राय रखते हैं, इसका संदेश देश में जायेगा।”
गौरतलब है कि देश की वर्तमान राजनीति में जातिगत जनगणना का मुद्दा छाया हुआ है। OBC, SC और ST की जनसंख्या के आधार पर आरक्षण देने की मांग उठ रही है। कांग्रेस, आम आदमी पार्टी, जदयू, राजद, द्रमुक समेत कई विपक्षी पार्टियां इसके पक्ष में हैं।
बिहार के मुख्यमंत्री Nitish Kumar जब RJD के साथ सरकार में थे, तब उन्होंने जातिगत जनगणना का समर्थन किया था। बिहार जातिगत आधारित जनगणना करानेवाला पहला राज्य भी बना था। नीतीश सरकार ने सर्वे के आंकड़े भी पेश किये थे।
रिपोर्ट के मुताबिक, 13 करोड़ की आबादी में अति पिछड़ा वर्ग 27.12 प्रतिशत, अत्यंत पिछड़ा वर्ग 36.01 प्रतिशत, अनुसूचित जाति 19.65 प्रतिशत, अनुसूचित जनजाति 1.68 प्रतिशत और सवर्ण 15.52 प्रतिशत हैं।
नीतीश कुमार लोकसभा चुनाव से पहले RJD से गठबंधन तोड़कर NDA में शामिल हो गये। अब प्रदेश और केंद्र में NDA की सरकार होने के बाद जातिगत जनगणना पर नीतीश कुमार का रुख सामने आना बाकी है।