Lok Sabha Speaker Post : लोकसभा स्पीकर पद को लेकर सत्ता पक्ष और विपक्ष के बीच बातचीत फेल होने के बाद BJP सांसद ओम बिरला और कांग्रेस सांसद कोडिकुन्निल सुरेश (MP Kodikunnil Suresh) ने मंगलवार को नामांकन दाखिल कर दिया।
यह पहली बार है, जब लोकसभा अध्यक्ष पद के लिए चुनाव होगा।
विपक्ष ने सरकार समर्थित उम्मीदवार ओम बिरला को समर्थन देने पर सहमति जतायी थी, बशर्ते कि लोकसभा उपाध्यक्ष का पद विपक्ष को दिया जाये।
जाहिर तौर पर दोनों पक्षों में इस बात पर सहमति नहीं बन पाने की वजह से Lok sabha speaker पद के लिए चुनाव की नौबत आयी है।
इंडिया गठबंधन के उम्मीदवार के सुरेश संसद के सबसे वरिष्ठ सदस्य हैं। वह आठवीं बार लोकसभा चुनाव जीते हैं। वह केरल से आते हैं और दलित समाज के बड़े नेता हैं, जिसको लेकर सियासत तेज हो गयी है।
लोजपा (रामविलास) के अध्यक्ष और केंद्रीय मंत्री चिराग पासवान ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X पर लिखा, “जब भी कांग्रेस के नेतृत्ववाले विपक्ष को पता चलता है कि उनकी हार सुनिश्चित है, तो वे दलित कार्ड चल देते हैं। जब उन्हें पता था कि वे उपराष्ट्रपति पद का चुनाव हार रहे हैं, तो उन्होंने सुशील कुमार शिंदे जी को उम्मीदवार बनाया।
2017 में जब वे जानते थे कि वे राष्ट्रपति पद का चुनाव हार रहे हैं, तो उन्होंने मीरा कुमार जी को उम्मीदवार बनाया। अब जब उनके पास स्पष्ट रूप से लोकसभा अध्यक्ष पद के चुनाव के लिए संख्याबल नहीं है, तो उसने कांग्रेस के दलित नेता सुरेश जी को नामांकित किया है। विपक्ष के लिए क्या दलित नेता केवल और केवल प्रतीकात्मक उम्मीदवार हैं?”
वहीं, लोकसभा अध्यक्ष पद के लिए सरकार और विपक्ष के बीच आम सहमति बनाने के प्रयास मंगलवार को विफल होने के बाद कांग्रेस नेता केसी वेणुगोपाल ने कहा कि UPA शासन के दौरान उन्होंने 10 साल तक उपाध्यक्ष का पद NDA को दिया था। लोकसभा में परंपरा यह है कि डिप्टी स्पीकर विपक्ष को दिया जाता है।
राजनाथ सिंह ने सोमवार को मल्लिकार्जुन खड़गे को फोन किया। मल्लिकार्जुन खड़गे ने कहा कि हम आपके उम्मीदवार का समर्थन करने को तैयार हैं, लेकिन हम डिप्टी स्पीकर का पद चाहते हैं, जिस पर राजनाथ सिंह ने उनसे कहा कि हम PM मोदी से सलाह लेंगे और जवाब देंगे। जब उपाध्यक्ष पद का चुनाव होगा, तो उस समय देखा जायेगा।