Jairam Mahato said : झारखंड राज्य को अलग बनाने का एक उद्देश्य था, जिसके लिए वर्षों तक आंदोलन हुआ, लेकिन 24 वर्षों के बाद भी झारखंड के निवासियों का सपना पूरा नहीं हो सका।
यहां न तो स्थानीय नीति बनी और न ही विस्थापन नीति तैयार हो सकी। ये बातें शुक्रवार को रामगढ़ के बरकाकाना में जिलास्तरीय कार्यकर्ता सम्मेलन को संबोधित करते हुए झारखंडी भाषा खतियान संघर्ष समिति (JBKSS) प्रमुख जयराम महतो (Jairam Mahato) ने कही।
महतो ने कहा कि दुर्भाग्य यह है कि झारखंड में आज तक उद्योग नीति, नियोजन नीति पर गंभीरता से काम नहीं किया गया। यही वजह है कि यहां के मूलवासी आज भी दर-दर की ठोकरें खा रहे हैं।
उन्होंने झारखंडी भाषा खतियान संघर्ष समिति के उद्देश्यों के प्रति लोगों को जागरूक किया। उन्होंने कहा कि वर्ष 2024 झारखंड के लिए काफी अहम साबित होनेवाला है। आगामी विधानसभा चुनाव (Assembly Elections) भी इन्हीं मुद्दों पर आधारित रहेगा।
जयराम महतो ने कहा कि उनके इस संगठन में सभी समुदायों का स्वागत है। आज भी उनके साथ सभी वर्ग और समाज के लोग जुड़े हुए हैं।
आज यहां कार्यकर्ता सम्मेलन है, लेकिन इसमें झारखंड किसान बेरोजगार संघर्ष मोर्चा के अध्यक्ष पंकज महतो, आजसू पार्टी के हजारीबाग के जिला सचिव कपिलदेव महतो, हाई कोर्ट अधिवक्ता शिव प्रसाद महतो, ज्योति महतो तथा अन्य दल के लोगों ने भी समर्थकों के साथ JBKSS का दामन थामा है। लोग बड़ी उम्मीद के साथ पार्टी की विचारधारा से जुड़ रहे हैं। निश्चित तौर पर 2024 एक बदलाव का संकेत है।
समारोह की अध्यक्षता संजीव साहू ने की और संचालन देवानंद महतो ने किया। जिला सम्मेलन में केंद्रीय प्रधान महासचिव फरजान खान, रवि महतो, राजेंद्र बेदिया, पनेश्वर महतो, संतोष टिडुवार, लीलावती महतो, रूपा महतो, शैल देवी, पवन महतो, जिला मीडिया प्रभारी रमेश कुमार महतो, बिहारी महतो, डॉ राजेश महतो शहीद कई लोग मौजूद थे।