6-4-1 Formula fit in Hemant cabinet : हेमंत साेरेन कैबिनेट में 6-4-1 का Formula तो फिट हो ही गया। इसके साथ ही मंत्रिमंडल में जातीय समीकरण को भी पूरी तरह से फिट किया गया है। सभी वर्ग के लोगों को बर्थ मिला है।
अगड़े जाति से लेकर दलित वोट बैंक (Dalit Vote Bank) को पूरी तरह से साधने की कोशिश की गई है। आदिवासी समाज को भी मंत्रीमंडल में तवज्जो मिली है। वहीं कुर्मी समाज के प्रतिनिधि के रूप में बेबी देवी को मंत्रीमंडल में जगह दी गई है।
इस मंत्रीमंडल के गठन कर हेमंत सरकार (Hemant Sarkar) ने आरोपों और विवादों से भी बचने की कोशिश की है। हेमंत साेरेन ने भाई बसंत सोरेन को मंत्री नहीं बनाकर परिवारवाद के आरोपों को दर किनार करने की कोशिश की गई है। JMM ने मंत्रीपद बंटवारे में जातीय समीकरण का भी पूरा ध्यान रखा है।
इसमें ब्राह्मण, कुर्मी, मुस्लिम, अनुसूचित जनजाति और अनुसूचित जाति को तवज्जो दी गई है। इसी वजह यह है कि चुनाव में आदिवासी, मुस्लिम, और कुर्मी निर्णायक भूमिका में रहते हैं।
वहीं कांग्रेस ने भी सभी वर्गों का ध्यान रखा है। कांग्रेस ने आदिवासी समाज से डॉ. रामेश्वर उरांव, मुस्लिम समाज से इरफान अंसारी, अगड़ी जाति से दीपिका पांडेय सिंह और ओबीसी से बन्ना गुप्ता को मंत्री बनाया है।
JMM का जातीय समीकरण
मिथिलेश ठाकुर- ब्राह्मण,
बेबी देवी –कुर्मी
हफीजुल हसन –मुस्लिम
दीपक बिरुआ -अनुसूचित जनजाति
बैद्यनाथ राम -अनुसूचित जाति