Jharkhand Cabinet Meeting : मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन (Hemant Soren) सरकार जल्द ही विस्थापन आयोग का गठन करेगी। कैबिनेट की बैठक (Cabinet Meeting) में इसका प्रस्ताव रखा गया।
सभी विस्थापित लोगों का आर्थिक और सामाजिक सर्वेक्षण भी किया जाएगा।इसके तहत एक डाटा बेस तैयार किया जाएगा, ताकि खनन क्षेत्रों का एक दस्तावेज तैयार किया जा सके।
मंत्रिमंडल के शपथ ग्रहण के बाद सोमवार की शाम प्रोजेक्ट भवन में हुई कैबिनेट की बैठक के बाद हेमंत सोरेन ने खुद पत्रकारों को यह जानकारी दी।
इसमें इस बात का पूरा ब्योरा होगा कि झारखंड के लोगों को खनन गतिविधियों की वजह से क्या खोना पड़ता है। क्या उन्हें मिलता है। इसका असर क्या होता है। जल्द ही इसका एक मसौदा तैयार किया जाएगा। खनन की वजह से लोगों को होने वाली परेशानियों को कैसे दूर किया जाए, उसके लिए सरकार नीति बनाएगी।
पत्रकारों ने जब झारखंड के मुख्यमंत्री से यह पूछा कि विस्थापन आयोग की मांग लंबे अरसे से हो रही थी, क्या इसको समयबद्ध तरीके से धरातल पर उतारा जाएगा। इस पर Hemant Soren ने कहा कि जब हमने घोषणा की है, तो इसको धरातल पर उतारनने की जिम्मेदारी भी हमारी है।
उन्होंने कहा कि यह पहले ही हो जाना चाहिए था, लेकिन आज हमने यह निर्णय लिया। आप आश्वस्त रहें, जितनी जल्दी हो सकेगा, हम इसको प्राथमिकता के आधार पर करेंगे। प्राथमिकता के आधार पर हमने इस विषय पर कैबिनेट की बैठक में सहमति जताई।
एक सप्ताह से जारी धरना दे रहे सहायक पुलिसकर्मियों के मुद्दे पर जब मुख्यमंत्री से पूछा गया कि उनको क्या संदेश देना चाहेंगे, तो Hemant Soren ने कहा कि अब कोई भी हो, धरना-प्रदर्शन छोड़े। सरकार आपसे बात करने के लिए तैयार है। आपकी समस्याओं का समाधान करने के लिए भी तैयार है। यह तभी होगा, जब लोग मिल-बैठकर बात करेंगे। चर्चा करेंगे। इसके लिए धरना-प्रदर्शन करने की जरूरत नहीं है।
उन्होंने कहा कि हमारी सराकर के पास नाक, कान, आंख भी है। यह सरकार सुनती भी है, समझती भी है। समस्याओं का समाधान भी करती है।
हेमंत सोरेन ने कहा कि हमारी सरकार ने अब तक जितनी भी योजनाएं जनहित में शुरू की, उन सबकी समीक्षा करें। नई नीतियां बनाने से पहले पुरानी घोषणाओं पर विचार करें। समस्याओं के बारे में शिकायतें हमारे पास आती रहतीं हैं। सभी विभाग के मंत्री उन समस्याओं की पूरी जानकारी लें, जो समस्या है, उसका समाधान ढूंढ़ें।
मुख्यमंत्री ने कहा कि हमने सरकार आपके द्वार कार्यक्रम कई बार चलाया। हमने कई बार कहा कि हमारी सरकार प्रोजेक्ट भवन से नहीं, गांवों से चलेगी। इसके लिए कार्ययोजना तैयार है। आने वाले दिनों में काम करने के तरीके कैसे बदलेंगे, इसके बारे में हम आपको समय-समय पर बताते रहेंगे।