रांची : सदर अस्पताल को मरीजों के लिए मॉडल बनाने का सपना अधिकारियों को भी नहीं पता है कि आखिरकार कब पूरा होगा।
जी हां, लंबे समय से अस्पताल की पुरानी लाल बिल्डिंग के पीछे 300 बेड की क्षमता वाला भवन बनकर तैयार है, लेकिन छोटा-मोटा काम बाकी होने के कारण इसे हैंडओवर नहीं किया गया है।
300 बेड के अस्पताल को दिसंबर 2018 में ही बनाकर हैंड ओवर कर देना था, लेकिन काम करने वाली कंस्ट्रक्शन कंपनी की लालफीताशाही के कारण 2 साल बाद भी काम पूरा नहीं हो पाया है।
मिल सकती हैं ये सुविधाएं
300 बेडेड अस्पताल में सर्जरी, न्यूरो सर्जरी, रेडियोलॉजी समेत अन्य विभाग शुरू किए जाएंगे। रेडियोलॉजी विभाग में सिटी स्कैन, एमआरआई, एक्स-रे, अल्ट्रासाउंड जांच की सुविधा बहाल हो जाएगी। साथ ही अत्याधुनिक पैथोलॉजी विभाग भी शुरू किया जाएगा। उसमें सभी तरह की पैथोलॉजी जांच की सुविधा उपलब्ध होगी।
2017 में शुरू हुआ था काम
साल 2017 में नए भवन का काम शुरू हुआ था। उसमें वर्तमान में इमरजेंसी ओपीडी के अलावा मातृ एवं शिशु वार्ड संचालित हो रहा है। इसके अलावा थैलेसीमिया और सिकलसेल एनीमिया जैसे वार्ड भी बनाए गए हैं।
कोविड वैक्सीनेशन कार्यक्रम का शुभारंभ करने आए थे सीएम
कोविड वैक्सीनेशन कार्यक्रम के शुभारंभ के दौरान मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन सदर अस्पताल पहुंचे थे। इस दौरान उन्होंने रांची के सिविल सर्जन डॉ विजय बिहारी प्रसाद से सदर अस्पताल की स्थिति के विषय में जानकारी ली थी।
उन्होंने विभागीय अधिकारियों को जल्द अस्पताल का काम पूरा करने का निर्देश भी दिया था।
इस दौरान सीएम ने कहा था कि जल्द ही बिल्डिंग को हैंड ओवर किया जाए। ताकि मरीजों के लिए एक बेहतर विकल्प सदर अस्पताल बन सके।