“No Penalty for Minority Community Personnel Keeping Beard”: मद्रास हाईकोर्ट (High Court) ने अपने एक महत्वपूर्ण फैसले में कहा कि भारत विविध धर्मों और रीति-रिवाजों का देश है, दाढ़ी रखने के लिए अल्पसंख्यक समुदायों खासतौर पर मुस्लिम कर्मचारियों को दंडित नहीं किया जा सकता है।
अदालत ने अपने आदेश में यह भी कहा कि मद्रास पुलिस गजट के अनुसार अधिकारियों को दाढ़ी रखने की अनुमति नहीं दी जा सकती है, लेकिन मुस्लिम पुलिस अधिकारी जीवन भर दाढ़ी रखने के हकदार हैं।
कोर्ट ने कहा कि पुलिस विभाग में सख्त अनुशासन की जरूरत होती है, लेकिन इसका यह अर्थ नहीं है कि अल्पसंख्यक समुदाय के किसी कर्मी को दाढ़ी रखने के लिए दंडित किया जा सकता है।
अदालत जी अब्दुल खादर इब्राहिम की याचिका पर सुनवाई कर रही थी। इब्राहिम को 2019 में ग्रेड- I पुलिस कांस्टेबल के पद पर पदोन्नत किया गया था। 31 दिनों की अर्जित छुट्टी पूरी होने के बाद भी Duty पर नहीं आने और मद्रास पुलिस गजट के आदेश के खिलाफ दाढ़ी रखने की जांच शुरू की गई थी।
जांच अधिकारी ने आरोपों को सही माना और पुलिस उपायुक्त (Armed Reserve) ने संचयी प्रभाव से 3 साल के लिए वेतन वृद्धि रोकने का आदेश दिया।
हालांकि अपील के बाद पुलिस आयुक्त ने आदेश में संशोधन किया और वेतन वृद्धि को रोकने के समय को 3 साल से घटाकर दो साल कर दिया। इसके बाद इब्राहिम अदालत पहुंचे थे। इसी मामले में मद्रास हाईकोर्ट में उक्त आदेश दिया है।