CM Yogi’s Order Created Fear: UP सरकार के आदेश ने कांवड़ यात्रा मार्ग के दुकानदारों में भय पैदा कर दिया है। CM योगी आदित्यनाथ (Yogi Adityanath) ने कांवड़ यात्रा मार्ग पर किसी भी प्रकार की अव्यवस्था से बचने के लिए दुकानों और होटल पर दुकानदार के नाम लिखने के आदेश दिए हैं।
इसके बाद कांवड़ यात्रा मार्ग में भय का माहौल है। मुजफ्फरनगर की व्यस्त सड़क पर काशिफ कन्फेक्शनरी ने मालिक का नाम बताते हुए एक पोस्टर लगाया है, फुरकान। वे मुस्कुराते हुए ग्राहकों का अभिवादन करते हैं लेकिन, वे कहते हैं कि हम रमजान और ईद मनाते समय कभी नहीं सोचते कि दुकानदार हिंदू है या मुस्लिम।
अब हमसे अपनी पहचान बताने के लिए क्यों कहा जा रहा है? कई ग्राहक मेरी दुकान का नाम देखकर दूर हो सकते हैं। हर जगह जहां मुस्लिम कारोबारियों (Muslim Businessmen) ने दुकानें लगाई हैं, खाने-पीने की दुकानें चला रहे हैं या यात्रा से जुड़े सामान बेच रहे हैं, वहां निराशा और भय का माहौल है।
कई लोगों ने अपनी नौकरी खो दी है। कुछ लोग वहां से जाने की तैयारी कर रहे हैं। एक अनुमान के मुताबिक, करीब चार करोड़ लोग देश में कांवड़ यात्रा करते हैं, इनमें से करीब 2.5 करोड़ यूपी से होकर गुजरते हैं।
मुजफ्फरनगर शहर के BJP विधायक और राज्य के कैबिनेट मंत्री कपिलदेव अग्रवाल ने कहा था कि मुसलमानों को अपनी दुकानों का नाम हिंदू देवताओं के नाम पर नहीं रखना चाहिए। यूपी सरकार की ओर से जारी आदेश पर वे कहते हैं कि इस आदेश में कुछ भी गलत नहीं है। कुछ प्रतिष्ठान हिंदू नामों का उपयोग करते हैं, जबकि उनके मालिक मुस्लिम हैं। हमें इस पर कोई आपत्ति नहीं है।
मुस्लिम समुदाय का कहना है कि सरकार के इस कदम से उनकी आय के साधन रुक जाएंगे। यह आदेश एक वर्ग को नुकसान पहुंचाने के रूप में देखा जा सकता है। उन्होंने कहा कि इस आदेश का आर्थिक असर होगा।
बिजनौर में श्रीखाटू श्याम टूरिस्ट ढाबा के मालिक मोहम्मद इरशाद ने कहा कि विडंबना यह है कि इस आदेश से दोनों समुदायों को नुकसान होगा। मेरा प्रतिष्ठान कांवड़ियों के आने-जाने वाली सड़क पर है। हम शुद्ध शाकाहारी भोजन परोसते हैं और मेरे कर्मचारी भी हिंदू हैं। अगर ग्राहक मेरा नाम देखेंगे तो आने-जाने वालों की संख्या कम हो जाएगी। हम चाहे किसी भी धर्म के हों, हमें नुकसान उठाना पड़ेगा। व्यापार को सांप्रदायिक राजनीति में नहीं घसीटा जाना चाहिए।