नई दिल्ली: कोविड-19 के घातक वायरस का तोड़ कोरोना वैक्सीन के रूप में देश में आने के बाद इन दिनों मेडिकल स्टाफ और फ्रंटलाइन वर्कर्स को कोरोना के वैक्सीन की दूसरी डोज़ लगाई जा रही है।
पिछले शनिवार से इस अभियान की शुरुआत हुई। लेकिन चिंता की बात ये है कि कई लोग वैक्सीन की दूसरी डोज़ लगाने के लिए नहीं पहुंच रहे हैं।
सरकार की तरफ से जारी आंकड़ों के मुताबिक शनिवार को 7668 लोगों को वैक्सीन की दूसरी डोज़ लगाई गई। जबकि 16 जनवरी को 1 लाख 91 हज़ार लोगों को टीके लगाए गए थे।
यानी अब तक दूसरे डोज के लिए 4 फीसदी लोग पहुंचे हैं। इस वक्त भारत में दो वैक्सीन का इस्तेमाल किया जा रहा है- ऑक्सफोर्ड-एस्ट्राजेनेका की कोविशिल्ड और भारत बायोटेक की कोवैक्सीन।
इन दोनों वैक्सीन को दो डोज़ लगाई जा रही है। पहले और दूसरे डोज़ के बीच चार हफ्तों का अंतर रखने को कहा गया है। डॉक्टरों का कहना है कि बिना दो डोज के इस वैक्सीन का असर नहीं दिखेगा।
बता दें कि देश भर में कई ऐसे मामले सामने आए हैं जहां वैक्सीन की एक डोज़ लगने के बाद लोग कोरोना से संक्रमित हो गए हैं।
मंत्रालय ने कहा, कोविड-19 टीके की पहली खुराक लेने वाले लाभार्थियों को 28 दिन बाद आज दूसरी खुराक दी गई। डीजीसीआई के मुताबिक दूसरी खुराक चार से छह सप्ताह बाद दी जानी है।
आज 7,668 स्वास्थ्य कर्मियों को टीके की दूसरी खुराक दी गई। मंत्रालय ने कहा कि शनिवार को 4,434 सत्रों में शाम छह बजे तक 84,807 लाभार्थियों को टीका दिया गया।
केंद्र सरकार के दिशानिर्देशों के अनुसार 16 जनवरी से शुरू हुए कोविड टीकाकरण अभियान के तहत सभी हेल्थकेयर वर्कर्स को 20 फरवरी तक पहली डोज लेना अनिवार्य है।
जिन लोगों का कोविन ऐप पर पहले से रजिस्ट्रेशन है।
वे इस तारीख तक कोविड का टीकाकरण करा लें क्योंकि इसके बाद 21 फरवरी से 25 फरवरी तक पांच दिन कोविड वैक्सीनेशन का फाइनल मॉप अप राउंड चलेगा।