NIA Raid : बुधवार को मैक्लुस्कीगंज और लातेहार बार्डर (Mccluskieganj-Latehar Border) पर स्थित कई ठिकानों पर नेशनल इन्वेस्टीगेशन एजेंसी NIA की टीम छापेमारी (Raid) कर रही है।
जानकारी के अनुसार, यह छापेमारी 15 लाख के इनामी नक्सली कमांडर रविंद्र गंझू (Naxalite commander Ravindra Ganjhu) के समर्थक और उसकी लेवी की कमाई को निवेश करने वाले आधा दर्जन लोगों के ठिकानों पर चल रही है।
NIA की टीम मैकलुस्कीगंज में ठेकेदार जितेंद्र पांडेय और रोहित यादव के घर सहित अन्य ठिकानों पर तलाशी ले रही है।
चंदवा में रोहित यादव के ईट भट्ठे पर एनआईए की टीम पहुंची है। रोहित यादव पूर्व में टेरर फंडिग के आरोप में जेल जा चुका है।
बता दें कि लोहरदगा जिले के बुलबुल जंगल में हथियार व गोला-बारूद की बरामदगी मामले में लोहरदगा के पेशरार थाना में साल 21 फरवरी 2022 में प्राथमिकी दर्ज हुई थी।
इसके बाद इस केस को री-रजिस्टर्ड करते हुए एनआईए ने 14 जून 2022 को आरसी-02/2022/एनआईए/आरएनसी में प्राथमिकी दर्ज की थी।
सुरक्षा बलों को जानकारी मिली थी कि रवींद्र गंझू अपने सक्रिय सहयोगी बलराम उरांव, मुनेश्वर गंझू, बालक गंझू, दिनेश नगेशिया, शीला खेरवार, ललिता देवी और 40-60 अन्य नक्सलियों के साथ बड़ी घटना को अंजाम देने की फिराक में है।
वह सुरक्षा बलों को नुकसान पहुंचाने के साथ-साथ बॉक्साइट खदान में भी हमला करने वाला है। इसी सूचना पर स्थानीय पुलिस और सीआरपीएफ के जवानों ने संयुक्त तलाशी अभियान चलाया था।
भारत विरोधी साजिश का खुलासा
NIA की जांच में खुलासा हो चुका है कि भाकपा माओवादी संगठन के सदस्यों ने आतंकवादी, हिंसक कृत्यों और सशस्त्र विद्रोह के माध्यम से देश की अखंडता, सुरक्षा, संप्रभुता को नुकसान पहुंचाने और सरकार को अस्थिर करने की साजिश रची थी।
इस मामले में गिरफ्तार आरोपियों, जोनल कमांडर, सब जोनल कमांडर, एरिया कमांडर, सशस्त्र कैडरों और जब्त सबूतों से एनआईए ने अन्य माओवादी कैडरों और ओवरग्राउंड समर्थकों की मिलीभगत का भी पता लगाया। इस मामले की जांच जारी है।
NIA नक्सली नेटवर्क को नष्ट करने और संगठन की भारत विरोधी साजिश को नाकाम करने का प्रयास कर रही है।