Electoral Bond case : शुक्रवार को सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) ने इलेक्टोरल बॉन्ड (Electoral Bond) के जरिए दान लेने वाले राजनीतिक दलों और दान देने वाले कॉरपोरेट घरानों के बीच सांठगांठ के कथित आरोपों की विशेष जांच दल (SIT) से जांच कराने की मांग संबंधी याचिका खारिज कर दी है।
मुख्य न्यायाधीश जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ (Justice DY Chandrachud) की अगुवाई वाली जस्टिस जेबी पारदीवाला और जस्टिस मनोज मिश्रा की बेंच इस मामले की सुनवाई के बाद यह फैसला सुनाया।
दो गैर सरकारी संगठनों, कॉमन कॉज और Center for Public Interest Litigation की याचिका में चुनावी बॉन्ड योजना के तहत कथित चंदा लो और धंधा दो की व्यवस्था की न्यायिक निगरानी में जांच के लिए एक विशेष जांच दल गठित करने की मांग की गई थी।
वरिष्ठ वकील प्रशांत भूषण ने गैर सरकारी संगठन की तरफ से मामले में पैरवी की। सुनवाई के दौरान उन्होंने कहा कि अधिकांश Electoral Bond के बदले दानदाताओं को कुछ न कुछ बदले में दिए गए हैं। कुछ लोगों को तो कॉन्ट्रैक्ट दिए गए और उनके द्वारा दान की गई रकम कुल Contract रकम का एक फीसदी है।
प्रशांत भूषण ने कहा, इन मामलों में न केवल राजनीतिक दल बल्कि प्रमुख केंद्रीय जांच एजेंसियां भी शामिल हैं। इस पर CJI ने कहा, हमने पहले ही खुलासा करने का आदेश दे दिया है, अब सामान्य प्रक्रिया का पालन होने दीजिए। हम एक निश्चित बिंदु तक पहुंच गए हैं। पूरी बात सुनने के बाद कोर्ट ने याचिका खारिज कर दी।