झारखंड

मुठभेड़ के दौरान गोली लगने के बाद जख्मी बदमाश ने पुलिस के सामने किया सरेंडर

Injured Criminal Surrendered before the police after Being Shot.: पलामू जिले के चैनपुर थाना (Chainpur Police station) क्षेत्र अंतर्गत खुराकला में पुलिस मुठभेड़ में गोली लगने से जख्मी बदमाश ने पुलिस के समक्ष सरेंडर कर दिया। जख्मी हालत में मिलने के कारण उसे पुलिस सुरक्षा में MRMCH में भर्ती कराया गया है।

उसकी पहचान खुराकला के विशाल चौधरी के रूप हुई है। उसके खिलाफ चैनपुर, रामगढ सहित अन्य थानों में मामले दर्ज हैं। विशाल को कंधे में गोली लगी है। कंधा फैक्चर कर गया है। गुमला में हुई Jewelery Shop लूट कांड में विशाल चौधरी की संलिप्त है या नहीं इसके लिए उससे पूछताछ की जा रही है।

विशाल 24 जुलाई को मेदिनीनगर सेंट्रल जेल से बाहर आया था। पंडरा और गुमला ज्वेलरी शॉप लूट कांड में शामिल मोनू सोनी उर्फ बुकिंग की सूचना पर शुक्रवार को खुराकला कला गई पुलिस के साथ लुटेरों की मुठभेड़ हो गई थी।

एमआरएमसीएच में इलाज के दौरान विशाल चौधरी ने शनिवार कहा कि शुक्रवार को एक अपाचे मोटरसाइकिल पर मोनू और उसका भाई सोनू और वह स्वयं चैनपुर में घूम रहे थे। मोनू से कहा कि उसे घर छोड़ दे। सोनू चैनपुर में ही उतर गया जबकि मोनू उसे छोड़ने के लिए खुराकला पहुंचा। उसे बाल कटवाना था।

जैसे ही गांव में पहुंचे कि Police वहां पहुंच गई। इसी बीच गोली चली और एक गोली उसके कंधे में लगी। विशाल के अनुसार पुलिस पर गोली मोनू ने चलायी। भागने के क्रम में मोनू हथियार भी ले गया।

मोनू उसे मौके पर ही छोड़कर फरार हो गया। गोली लगने के बाद जख्मी हालत में जंगल में जाकर छिप गया। गोली चलने की घटना 11.30 बजे हुई। वह शाम करीब चार बजे तक जंगल में छिपा रहा। इस बीच अपने रिश्तेदारों को फोन करके घटना की जानकारी दी और उनके माध्यम से पुलिस को सूचना देकर सरेंडर कर दिया। फिर उसे MRMCH में भर्ती कराया गया।

2017 में बना था नक्सली

विशाल चौधरी ने कहा कि वर्ष 2015 में मैट्रिक की परीक्षा दी थी। शाहपुर के SLA पब्लिक स्कूल से पढ़ाई की थी। मैट्रिक परीक्षा में परसेंटेज कम आया। 2017 में उसके गांव में जेजेएमपी दस्त के छोटू जी का आना-जाना होता था। उसके कहने पर संगठन में शामिल हो गया और करीब 5 वर्ष तक इसमें रहा। 2022 में उसे जेल भेजा गया। 2023 में सेंट्रल जेल मेदिनीनगर में उसकी मुलाकात मोनू सोनी से हुई।

दोस्ती और जान पहचान वहीं से हुआ। 24 जुलाई को जेल से निकलने के बाद दो-तीन दिन पहले मोनू सोनी से मिला था। इसी बीच घटना हुई। विशाल ने कहा कि जेल से निकलने के बाद ना तो वह नक्सली संगठन से संपर्क में था और ना ही किसी लूट कांड में शामिल रहा है।

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