36 Percent Posts Vacant in AIIMS: अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (AIIMS) देश के कई राज्यों में खुल रहे हैं जिससे मरीजों को बेहतर मेडिकल उपचार मिल रहा है। इन सबके बीच AIIMS से डॉक्टरों का इस्तीफा देना एक बड़ा मुद्दा है। पिछले तीन सालों में देश के 20 एम्स के 422 डॉक्टरों ने इस्तीफा दे दिया है।
इनमें दिल्ली के 25, भोपाल 27, भुवनेश्वर 37, जोधपुर 35, रायपुर 37, नागपुर 27 डॉक्टर इस्तीफा दे चुके हैं। संसद में एक सवाल के जवाब में केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने बताया कि एम्स में कार्यरत डॉक्टरों, नर्सों और अन्य गैर संकाय पदों पर भर्ती की एक सतत प्रक्रिया है और भर्ती प्रक्रिया चलती रहती है।
देश के 20 AIIMS के डॉक्टरों के स्वीकृत पदों की संख्या 5767 है, जिसमें करीब 64 फीसदी यानी 3653 डॉक्टर हैं और 36 फीसदी पद खाली पड़े हैं। हालांकि मंत्रालय का कहना है कि इन पदों को जल्द भर दिया जाएगा। दिल्ली एम्स में डॉक्टरों के 1232 पद हैं, जिसमें से 816 पद भरे हुए हैं। नए एम्स में कल्याणी में 259 में से 156 पद भरे हैं। रायबरेली में 201 में से 106 पद भरे हैं। एम्स बठिंडा में 209 में से 142 पद भरे हुए हैं।
AIIMS से कई सीनियर डॉक्टर बड़े निजी हास्पिटलों में जा चुके हैं। इस बारे में एक सीनियर अधिकारी ने बताया कि निजी सेक्टर में ज्यादा सैलरी और बड़ा पद ऑफर मिलने से कई डॉक्टर वहां चले जाते हैं। एम्स के डॉक्टरों की निजी सेक्टर में काफी डिमांड है। विशेषज्ञ कहते हैं कि कई बार Management का रोल भी बहुत अहम होता है।
अगर संस्थान के मैनेजमेंट को लेकर डॉक्टरों में कुछ नाराजगी होती है तो इस्तीफा देने का एक कारण यह भी हो सकता है। देश के इतने बड़े प्रीमियर संस्थानों से अगर अनुभवी और वरिष्ठ डॉक्टर इसी तरह छोड़ कर जाते हैं तो मैनेजमेंट पर भी सवाल तो उठेंगे ही। मैनेजमेंट को डॉक्टरों से बात करनी चाहिए और रिसर्च व इलाज को लेकर सभी जरूरी सुविधाएं मुहैया करवानी होंगी।
इसी साल फरवरी में AIIMS राजकोट, AIIMS बठिंडा, पश्चिम बंगाल में कल्याणी, आंध्र प्रदेश में मंगलागिरी और रायबरेली एम्स देश को समर्पित किया है। 2014 से पहले देश में केवल सात एम्स थे लेकिन अब 22 AIIMS में मरीजों का इलाज हो रहा है। एम्स रेवाड़ी पर करीब 1650 करोड़ रुपए की लागत आएगी। इसे रेवाड़ी के गांव माजरा मुस्तिल भालखी में 203 एकड़ भूमि पर विकसित किया जाएगा।