Case will be filed against CM Siddaramaiah : CM सिद्धारमैया के खिलाफ Karnataka के राज्यपाल द्वारा कथित मुदा घोटाले में मुकदमा चलाने की अनुमति देने को लेकर राजनीति तेज हो गई है।
भाजपा पूरे मामले में जबरदस्त तरीके से हमलावर है। हालांकि, पूरे मामले को लेकर मुख्यमंत्री सिद्धारमैया ने अपनी चुप्पी तोड़ी है।
CM सिद्धारमैया ने कहा कि पूरा मंत्रिमंडल, पार्टी हाईकमान, सभी विधायक, MLC , लोकसभा और राज्यसभा सांसद मेरे साथ हैं। उन्होंने कहा कि कर्नाटक के राज्यपाल का फैसला संविधान विरोधी और कानून के खिलाफ है। राज्यपाल के फैसले को अदालत में चुनौती दी जाएगी।
वहीं कर्नाटक के डिप्टी CM DK शिवकुमार का भी बयान सामने आया है। डीके ने कहा कि यह पूरी तरह से असंवैधानिक और कानून के खिलाफ है। सीएम सिद्धारमैया के नेतृत्व में एक मजबूत सरकार है। वे (BJP ) राज्यपाल के कार्यालय का उपयोग करके सरकार को अस्थिर करने की कोशिश कर रहे हैं। यह दुर्भाग्यपूर्ण है। उन्होंने कहा कि मेरे सीएम किसी दबाव में नहीं आएंगे। उनके इस्तीफा देने का कोई सवाल ही नहीं है। हम सब एकजुट हैं, पूरी पार्टी उनके साथ खड़ी है।
CM का बचाव कर डीके ने कहा कि उन्होंने अपने कार्यकाल में कुछ भी गलत नहीं किया है। यह पूरी तरह से एक राजनीतिक मुद्दा है। राज्यपाल के कार्यालय का इस बीजेपी सरकार द्वारा दुरुपयोग किया गया है…हम इसके खिलाफ कानूनी तरीके से लड़ने को तैयार है। हमें इस देश के कानून पर पूरा भरोसा है और मेरी सरकार की रक्षा होगी।
उन्होंने कहा कि हम सीएम सिद्धारमैया के साथ खड़े हैं। पार्टी, हाईकमान और पूरा राज्य और मंत्रिमंडल उनके साथ खड़ा है। जो भी नोटिस और मंजूरी दी गई है, वह कानून के खिलाफ है। हमने कानूनी तौर पर इसका मुकाबला करने की पूरी तैयारी कर ली है, यह पिछड़े वर्ग के CM सिद्धारमैया के खिलाफ एक स्पष्ट साजिश के अलावा और कुछ नहीं है, जो दूसरी बार सरकार चला रहे हैं।
दरअसल राज्यपाल थावरचंद गहलोत ने मैसुरू शहरी विकास प्राधिकरण (MUDA) भूमि आवंटन ‘घोटाले’ के संबंध में मुख्यमंत्री सिद्धरमैया के खिलाफ मुकदमा चलाने की मंजूरी दे दी है। राजभवन के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि राज्यपाल ने मुख्यमंत्री के खिलाफ मुकदमा चलाने की मंजूरी दे दी है। यह फैसला टी जे अब्राहम, प्रदीप और स्नेहमयी कृष्णा की ओर से दायर तीन अर्जी पर आधारित है।’’