PM Modi gave a big statement on UCC on 15th August: यूनिफॉर्म सिविल कोड यानी UCC का जिक्र PM मोदी ने 15 अगस्त को लाल किले से किया था। अब उसको लेकर मुस्लिमों ने बड़ा ऐलान किया है। देश का मुसलमान शरिया कानून से समझौता नहीं करेगा।
PM मोदी ने UCC पर देश की आजादी के दिन बड़ा बयान दिया तो इसके कुछ न कुछ मायने तो जरूर ही होंगे। PM मोदी के बयान के बाद मुस्लिम संगठन (Muslim organization) इसका पुरजोर विरोध कर रहे हैं।
ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड ने PM मोदी के Secular Civil कोड पर दिए गए बयान पर कड़ी आपत्ति जताई है। बोर्ड का कहना है कि मुसलमान शरिया कानून से समझौता नहीं करेंगे, इसलिए समान या सेक्युलर नागरिक संहिता स्वीकार नहीं की जाएगी।
PM मोदी ने देश में धर्मनिरपेक्ष नागरिक संहिता (SCC) की जोरदार वकालत करते हुए भारत को ‘विकसित राष्ट्र’ बनाने का संकल्प और ‘एक राष्ट्र, एक चुनाव’ का सपना साकार करने का आह्वान किया था।
देश का एक बहुत बड़ा वर्ग मानता है कि जिस नागरिक संहिता को लेकर हम लोग जी रहे हैं, वह सचमुच में साम्प्रदायिक और भेदभाव करने वाली संहिता है। मैं चाहता हूं कि इस पर देश में गंभीर चर्चा हो और हर कोई अपने विचार रखें। जो कानून धर्म के आधार पर देश को बांटते हैं, ऊंच-नीच का कारण बन जाते हैं। उन कानूनों का आधुनिक समाज में कोई स्थान नहीं होना चाहिए। देश की मांग है कि देश में धर्मनिरपेक्ष नागरिक संहिता हो।
बता दें कि भारत के संविधान का आर्टिकल 44 कहता है कि राज्यों को अपने नागरिकों के लिए सामान नागरिक संहिता लागू करने की कोशिश करनी चाहिए। संविधान निर्माताओं ने अपने दौर में इसे लागू नहीं किया और भविष्य में इसका फैसला संसद पर छोड़ दिया था। जिससे सहमति के बाद इसे बनाया जा सके लेकिन अभी तक इस पर फैसला नहीं हो पाया है। जब भी Uniform Civil Code की बात होती है तो मुसलमान इसका विरोध करते हैं।