Youth Protest rally Will be Held on August 23: कांग्रेस, JMM और राजद की सरकार ने 2019 के चुनाव में युवाओं को नौकरी का वादा कर पांच साल के लिए सत्ता पर काबिज हुई।
घोषणा पत्र जारी कर युवाओं को नौकरी और बेरोजगारी भत्ता (Unemployment Allowance) देने का वादा किया गया,लेकिन आज तक इन वादों पर राज्य के मुख्यमंत्री खरे नहीं उतरे।
उक्त बातें मंगलवार को शहर के थाना चौक स्थित होटल शिवम इन के सभागार में प्रेस वार्ता के दौरान हटिया विधायक नवीन जायसवाल ने कही। उन्होंने युवाओं से आह्वान करते हुए कहा कि 23 अगस्त को मुख्यमंत्री आवास (Chief Minister’s residence) घेराव कार्यक्रम में अधिक से अधिक संख्या में लोग शामिल होकर राज्य सरकार की नाकामी को उजागर करेंगे।
उन्होंने कहा कि सरकार ने युवाओं से वादा कर उनके भावनाओं के साथ खिलवाड़ की है। यही युवा आगामी विधानसभा चुनाव में इन्हें बेदखल करने का काम करेगी। 23 अगस्त को युवा आक्रोश रैली में लाखों लोग मुख्यमंत्री से सीधा सवाल करेंगे।
प्रति वर्ष पांच लाख युवाओं को नौकरी देने का था वादा
प्रेस वार्ता में विधायक नवीन जायसवाल ने कहा कि सरकार 5 वर्षों के कार्यकाल में 25 लाख युवाओं को नौकरी देने के नाम पर सत्ता में आई। लेकिन अब तक 5000 युवाओं को भी नौकरी नहीं मिली।
इसके अलावा उन्होंने कहा था कि एमए पास युवाओं को सात हजार प्रति माह देने की घोषणा थी। सरकार ने अनुबंध कर्मियों, पारा टीचर, सहायक पुलिसकर्मी, प्रशिक्षित टीचर, आंगनबाड़ी सेविका-सहायिका हो जितने भी अनुबंध कर्मी है इन सभी को चाय पिलाकर उन्हें अस्वस्थ किया था कि इन्हें परमानेंट करेंगे। लेकिन सारे वादे धरे के धरे रह गए। इससे स्पष्ट होता है कि सरकार इन्हें धोखा देने का काम किया है।
चंपाई सोरेन का अपमान सोशल मीडिया पर छाया
विधायक नवीन जायसवाल ने चंपाई सोरेन के साथ हुए अपमान के मुद्दे को भी उठाया। उन्होंने कहा कि Hemant Soren की अनुपस्थिति में चंपाई सोरेन ने राज्य को अच्छी तरीके से संभाला और बेहद ईमानदारी से कई निर्णय लिए। लेकिन सिर्फ 3 महीने के लिए हेमंत सोरेन ने चंपाई सोरेन जैसे वरीय नेता का अपमान किया। जिसका दर्द Champai Soren ने सोशल मीडिया पर खुद ही बयां किया है।
अब वह किस दल में रहेंगे यह तो शीर्ष नेता ही निर्णय लेंगे। लेकिन भाजपा की पूरी सहानुभूति चंपाई सोरेन के साथ है। उन्होंने यह भी कहा कि झारखंड में हेमंत सोरेन ने जेल से निकलते ही मुख्यमंत्री पद की शपथ ली। उन्होंने यह साबित कर दिया कि यहां सिर्फ उनका परिवार ही आदिवासी है। उनके परिवार के अलावा दूसरा कोई भी व्यक्ति मुख्यमंत्री नहीं बन सकता।