Status report of MNREGA scam investigation sought from ED: झारखंड हाई कोर्ट (Jharkhand High Court) ने चाईबासा में मनरेगा घोटाले मामले मामले में दाखिल जनहित याचिका की सुनवाई शुक्रवार काे हुई। कोर्ट ने ED से दो सप्ताह में इस मामले में दर्ज ECIR केस की अब तक की जांच रिपोर्ट मांगी है।
चाईबासा में मनरेगा घोटाला कि CBI जांच को लेकर मतलूब आलम की जनहित याचिका की सुनवाई हाई कोर्ट में हुई। सरकार की ओर से कोर्ट को बताया गया कि एंटी करप्शन ब्यूरो (ACB) में दर्ज 14 केस की जांच पूरी हो गई है और 13 केस में आरोप पत्र दाखिल हो चुका है। मनरेगा घोटाला में चाईबासा के तत्काल डीसी के श्रीनिवासन की भूमिका पर सवाल उठाया गया, जिस पर कोर्ट ने कहा कि ED इस मामले की जांच कर रही है।
याचिकाकर्ता की ओर से की ओर से कोर्ट को बताया गया कि वित्तीय वर्ष 2008-09, 2009-10, 2010-11 में चाईबासा में करीब 28 करोड़ रुपये का मनरेगा घोटाला हुआ है। इसे लेकर चाईबासा में पुलिस ने 14 FIR दर्ज की थी।
बाद में एसीबी ने मामले में प्राथमिकी दर्ज कर जांच शुरू की लेकिन कोई कार्रवाई नहीं हुई है। चाईबासा में उक्त 3 वित्तीय वर्षों में मनरेगा कार्यों में अग्रिम राशि का भुगतान तो कर दिया गया था लेकिन कोई काम धरातल पर नहीं हुआ था। उस समय चाईबासा के DC के श्रीनिवासन थे।
चाईबासा में मनरेगा में घोटाला की जांच को लेकर वर्ष 2013 में जनहित याचिका दाखिल की थी। बाद में कोर्ट ने इस मामले को निष्पादित कर दिया था। इसके बाद में वर्ष 2021 में फिर से जनहित याचिका दाखिल कर मामले की CBI जांच की मांग की गई है।