Jharkhand High Court: झारखंड हाई कोर्ट (Jharkhand High Court) ने पलामू एवं गढ़वा में सिंचाई के लिए प्रस्तावित कनहर बराज परियोजना अब तक शुरू नहीं किए जाने पर नाराजगी जताते हुए मौखिक कहा कि इस परियोजना में देरी पर सरकार को जनता के समक्ष जवाब देना होगा।
पलामू एवं गढ़वा की जनता पानी की समस्या से जूझ रही है। वर्षों से वहां आकाल की स्थिति बनी रहती है। लंबे समय से कनहर बराज परियोजना के संबंध में प्रक्रिया चल रही है लेकिन अब तक कोई सकारात्मक परिणाम सामने नहीं आया है।
यहां तक कि कनहर बराज के लिए जमीन अधिग्रहण, वन भूमि का Clearance , Environment Clearance आदि का काम पूरा नहीं हुआ। कोर्ट ने कहा कि राज्य सरकार के लचीले रुख के कारण केंद्र सरकार से फंड भी अब तक आवंटित नहीं हो सकी है। पहले राज्य सरकार को कनहर बराज के अधूरे काम को पूरे कर लेना चाहिए थे, फिर फंड के लिए केंद्र सरकार पर दबाव बनाना चाहिए था।
कोर्ट ने शुक्रवार काे सुनवाई के दाैरान राज्य सरकार द्वारा प्रस्तावित कनहर बराज परियोजना के देरी का कारण बताने के साथ-साथ कनहर बराज प्रोजेक्ट को लेकर Follow Up Action (अब तक की कार्रवाही) दाे सप्ताह में प्रस्तुत करने का निर्देश दिया है।
कोर्ट ने मौखिक कहा कि वर्ष 2010 में भी राज्य सरकार की ओर से इस प्रोजेक्ट को पूरा करने के लिए पांच साल का समय मांगा गया था, अब वर्ष 2024 में भी 8 साल का समय मांगा जा रहा है। यह जनहित याचिका शुरू हुए 14 साल से अधिक का समय बीत चुका है। राज्य सरकार को कनहर बराज परियोजना की सारी बाधाओ को जल्द पूरा कर इसका निर्माण करना था।
उल्लेखनीय है कि पूर्व की सुनवाई में मामले में कोर्ट के आदेश पर मुख्य सचिव, जल संसाधन सचिव,वन सचिव और वित्त सचिव हाजिर हुए थे। कोर्ट ने उनसे मौखिक कहा था कि वर्ष 2020 में राज्य सरकार ने पांच साल में इस परियोजना को पूरी होने का Timeline दिया था लेकिन काम आगे नहीं बढ़ा है। कोर्ट ने मुख्य सचिव को कनहर बराज परियोजना पूरा करने को लेकर टाइम फ्रेम प्रस्तुत करने को कहा था।