Jharkhand High Court said: झारखंड हाई कोर्ट (Jharkhand High Court) में राज्य में अफीम, चरस, गांजा जैसे मादक पदार्थों की बिक्री एवं अवैध शराब की बिक्री की रोकथाम पर मंगलवार काे कोर्ट के स्वतः संज्ञान की सुनवाई हुई। सुनवाई के दौरान पुलिस की स्टैंडर्ड ऑपरेटिंग प्रोसीजर (SOP) पर कड़ी टिप्पणी की।
कोर्ट ने मौखिक कहा कि इसमें भविष्य में राजधानी रांची में मंदिरों एवं शैक्षणिक संस्थाओं के निकट खुदरा शराब दुकानों एवं बार-रेस्टोरेंट को License नहीं देने की बात कही गई है लेकिन यह स्पष्ट नहीं है कि मंदिरों एवं शिक्षण संस्थानों के निकट संचालित बार-रेस्टोरेंट और खुदरा शराब दुकानों के लाइसेंस रद्द करने लिए क्या किया जाएगा? राज्य सरकार बताए कि मंदिर एवं शिक्षण संस्थान के निकट जो बार एवं रेस्टोरेंट और खुदरा शराब दुकान खुले हैं उन्हें कब बंद किया जाएगा?
कोर्ट ने कहा कि पुलिस की SOP केवल आईवाश वाली नहीं होनी चाहिए। देर रात तक बार-रेस्टोरेंट के खुले रहने से पिछले दिनों भी एक अपराधिक घटना घटी थी। बार-रेस्टोरेंट में मारपीट एवं हत्या (Murder) की घटनाएं होती रही हैं। कानून व्यवस्था पुलिस के जिम्मे में है। ऐसे में सख्त कदम उठाकर बार-रेस्टोरेंट को निर्धारित समय में बंद कराकर वहां हिंसा की घटनाओं को रोका जा सकता है।
मामले में एमिकस क्यूरी ने पुलिस के एसओपी पर प्रति उत्तर के लिए समय देने का आग्रह किया, जिस पर कोर्ट ने उनके आग्रह को मंजूर करते हुए मामले की अगली सुनवाई 29 अगस्त को निर्धारित की है। इससे पहले पुलिस की ओर से बार एवं रेस्टोरेंट के साथ मादक पदार्थों की बिक्री एवं अवैध शराब की बिक्री की रोकथाम को लेकर SOP प्रस्तुत किया गया था।
उल्लेखनीय है कि खूंटी में अफीम के फसलों को नष्ट करने एवं झारखंड में अफीम, चरस, गांजा आदि ड्रग्स के कारोबार में लगातार वृद्धि पर हाई कोर्ट ने स्वत संज्ञान लिया है।