Jharkhand High Court: झारखंड हाई कोर्ट (Jharkhand High Court) की सुरक्षा से संबंधित कई जनहित याचिकाओं की सुनवाई के दौरान खंडपीठ ने मंगलवार को झारखंड लीगल सर्विस अथॉरिटी (झालसा) की हाई कोर्ट के निकट बनने वाले भवन के निर्माण में देरी पर कड़ी नाराजगी जताई।
खंडपीठ ने सुनवाई के दाैरान मौखिक कहा कि वर्ष 2018 में इस भवन के निर्माण के लिए 48 करोड़ रुपये की Technical स्वीकृति दी गई थी, जो वर्ष 2024 में 57 करोड़ रुपये तक पहुंच चुकी है।
राज्य सरकार को स्पष्ट करना चाहिए कि वह झालसा के नए भवन को बनाने के लिए मे देरी क्यों कर रही है जबकि इसके लिए जमीन भी सरकार की ओर आवंटित कर दी गई है और जमीन की घेराबंदी भी हो चुकी है। निर्माण में देरी करने से लागत राशि में बढ़ोतरी होती है।
कोर्ट ने कहा कि झालसा के नए भवन बनने में छह वर्षों की देरी हो चुकी है, जो पैसे खर्च होंगे जनता की कमाई के पैसे हैं। साथ ही कहा कि यदि राज्य सरकार की ओर से कारण स्पष्ट नहीं किया गया तो मुख्य सचिव को भी कोर्ट में बुलाया जा सकता है। झालसा के पुराने भवन में Mediation Centre, Auditorium जैसे कई आधारभूत संरचना की कमी है।
राज्य के सिविल कोर्ट सुरक्षा एवं आधारभूत संरचना के संबंध में खंडपीठ ने Jharkhand State Bar Council को जवाब दाखिल करने का निर्देश दिया है।
कोर्ट ने Council से पूछा है कि जिलों के बार भवन मे सुरक्षा की क्या-क्या कमी है और कहां-कहां भवन बनाने की जरूरत है, इन सारे विषयों पर जवाब दाखिल करें। साथ ही कोर्ट ने केंद्र सरकार को भी आवंटित फंड के संबंध में जवाब दाखिल करने का निर्देश दिया है।