Candidates are Being treated while Lying on the floor: मेदिनीनगर के चियांकि हवाई अड्डे पर उत्पाद सिपाही बहाली के लिए अभ्यर्थी दौड़ लगा रहे हैं। दौड़ के दौरान अचानक गिरकर बेहोश होने का सिलसिला जारी है।
पिछले तीन दिनों में बहाली के दौरान 60 से अधिक अभ्यर्थी बेहोश हुए हैं। सभी अभ्यर्थियों को इलाज के लिए पलामू प्रमंडल के सबसे बड़े अस्पताल Medinirai Medical College and Hospital में भर्ती करवाया गया है।
गुरुवार को 25 अभ्यर्थी बेहोश हुए, जिन्हें इलाज के लिए Medinirai Medical College and Hospital में भर्ती करवाया गया है। इनमें एक अभ्यर्थी को इलाज के लिए रिम्स रेफर किया गया है, लेकिन उसके साथ किसी परिजन के नहीं रहने के कारण उसे ले जाया नहीं जा सका है। यहीं पर उसका इलाज किया जा रहा है। उसकी पहचान नहीं हुई है। एमआरएमसीएच में सभी अभ्यर्थियों के साथ जानवरों के जैसा सलूक किया गया है।
बेहोश होने वाले अभ्यर्थियों को इमरजेंसी वार्ड के फर्श पर लिटा कर इलाज किया जा रहा है। बेरोजगार युवकों के इलाज की यहां बेहतर व्यवस्था नहीं है। ईलाज के लिए बेड की भी व्यवस्था नहीं है।
अभ्यर्थियों को सलाइन चढ़ाने के लिए जुगाड़ का इस्तेमाल किया जा रहा है और रस्सी के सहारे सलाइन को बांधा गया है। अभ्यर्थी फर्श पर तड़प रहे हैं और उनके साथ कोई भी केयरटेकर नहीं। अभ्यर्थी विश्वात्मा कुमार ने बताया कि वह बिहार के छपरा से दौड़ में भाग लेने के लिए आए हुए है। 400 मीटर दौड़ने के बाद वह बेहोश हो गए थे। उन्हें इलाज के लिए अस्पताल में लाया गया है, जहां उन्हें फर्श पर लिटा दिया गया था। अभ्यर्थी राजीव रंजन ने बताया कि दौड़ के दौरान वह अचानक बेहोश हो गए और उन्हें अस्पताल में होश आया है।
गया से दौड़ में शामिल होने आए अभ्यर्थी ने बताया कि गर्मी के कारण लोग गिर रहे हैं। यहां का मैदान इतना खराब है कि दौड़ना मुश्किल हो रहा है। हम सभी लंबे समय से तैयारी कर रहे हैं।
हमने तय समय पर गांव में यह दौड़ पूरी की है, लेकिन यहां गर्मी और खराब मैदान के कारण मैं दौड़ते-दौड़ते गिर गए। दूसरे लोगों ने बताया कि सुबह छह बजे इंट्री कर गए है, पांच घंटे हमें इंतजार कराया गया। 11.45 में दौड़ शुरू हुई।
अलग अलग प्रदेश से पहुंचे हैं बेरोजगार
उत्पाद सिपाही की भर्ती के लिए दौड़ में शामिल होने के लिए ना सिर्फ झारखंड से बल्कि दूसरे राज्यों से भी लोग आए हैं। प्रतिभागी दौड़ते-दौड़ते बेहोश होकर रास्ते में गिर जा रहे हैं। इलाज के दौरान कोई दर्द से करार रहा है तो कोई चुपचाप लेटा है। Medical College Hospital के प्रभारी अधीक्षक डॉक्टर आर के रंजन का कहना है कि बेड की उपलब्धता कम है, जिस कारण इस तरह इलाज हो रहा है, हमारे पास कोई दूसरा विकल्प नहीं है।