Women will keep Nirjala Teej fast for the long life of their husbands.: हरतालिका तीज का व्रत भाद्रपद मास के शुक्ल पक्ष की तृतीया तिथि छह सितंबर को मनाया जाएगा। यह व्रत सुहागिन महिलाओं (Married Women) का वर्ष भर का सबसे महत्वपूर्ण और प्रसिद्ध व्रत है।
यह व्रत सौभाग्वती महिलाएं अपने सौभाग्य को अक्षुण्ण बनाए रखने और कुंवारी कन्याएं अपने भावी जीवन साथी एवं सुखी दांपत्य को प्राप्त करने के लिए करेंगी।
हरितालिका तीज पर सुहागिन महिलाएं अपने पति के लंबी उम्र की कामना के लिए निर्जला व्रत रखेंगी।
पंडित मनोज पांडेय (Pandit Manoj Pandey) ने शुक्रवार को बताया कि हरतालिका तीज में भगवान शिव, माता गौरी और गणेशजी की पूजा का विशेष महत्व है। उन्होंने बताया कि तृतीया तिथि पांच सितंबर को सुबह 10.05 बजे से प्रारंभ होगा और छह सितंबर को दोपहर 12.09 बजे समाप्त होगा।
हस्त नक्षत्र पांच सितंबर को पूरा दिन रहेगा, छह सितंबर को सुबह 8.10 बजे समाप्त होगा। इसलिए छह सितंबर को उदयातिथि में तृतीया होने से इस दिन पूरे दिन तृतीया मान्य होगा। इसलिए तीज की पूजा छह सितंबर को दिन भर होगा।
उन्होंने बताया कि हरतालिका तीज व्रत प्रदोषकाल में किया जाता है। इसमें दिन और रात के मिलन का समय होता है। इस व्रत को पूरे दिन और रात निर्जला रहकर किया जाता है।