Pooja started in Diuri Temple: रांची के तमाड़ स्थित दिउड़ी मंदिर में बुंडू अनुमंडल पदाधिकारी की मौजूदगी में लगाया गया ताला को गुरुवार को तोड़ा गया। आदिवासी समूह (Tribal Group) का कहना है कि यह दिउड़ी मंदिर नहीं, बल्कि दिवड़ी दिरी है।
स्थानीय लोगों का कहना है कि मंदिर पर सरकार का हस्तक्षेप नहीं होना चाहिए। मंदिर पहले की तरह बिना सरकार के हस्तक्षेप के चलना चाहिए।
मंदिर के सौंदर्गीकरण के लिए लगभग आठ करोड़ की लागत से काम होना था। लेकिन इसे भी रोक दिया गया है। दिउड़ी मंदिर ट्रस्ट के अध्यक्ष बुंडू के SDO हैं। पूरे मामले में राजनीतिक खेल चल रहा है। काम रोके जाने को लेकर संवेदक ने तमाड़ थाने में लिखित शिकायत दी है। आदिवासी समूह के इस कदम से मंदिर के आसपास के इलाके में तनाव है।
दीवड़ी ग्राम के आसपास के आदिवासी ग्रामीण एकजुट होकर ग्राम सभा कर रहें है। इसमें बुंडू प्रशासन के साथ वार्ता किया गया दोनों ही पक्षों ने अपने-अपने बातों को एक दूसरे के समक्ष रखा।
इसके बाद आदिवासी समाज के कुछ लोग इस आदेश को मानने से इनकार कर दिए। इस मामले में अंचल अधिकारी तमाड़, अनुमंडल पदाधिकारी बुंडू सहित ट्रस्ट के Advocate रितेश जायसवाल ने खारिज हुए मामले को लेकर सभी ग्रामीणों के बीच बातों को रखा तथा इकट्ठा हुए ग्राम सभा से भीड़ को हटाने का आग्रह किया है।
खबर लिखे जाने तक आदिवासी समुदाय के लोग इकट्ठा होकर सभा कर रहे हैं। अनुमंडल पुलिस पदाधिकारी के द्वारा अंतिम चेतावनी दिया गया है। बुंडू अनुमंडल पुलिस प्रशासन की पूरी टीम देवी मंदिर परिसर में डटी हुई है। एसडीपीओ रतीभान सिंह ने बताया कि मामले को लेकर लोगों को समझाया बुझाया जा रहा है।