Kolkata rape-murder case: RG KAR अस्पताल में लेडी डॉक्टर की Rape और Murder केस की सुनवाई के दौरान Judge पामेला गुप्ता भड़क गईं और CBI को कड़ी फटकार लगा दी।
दरअसल सियालदह कोर्ट में इस केस के मुख्य संदिग्ध की जमानत याचिका पर सुनवाई होनी थी, लेकिन CBI के जांच अधिकारी और सरकारी वकील ही लेट पहुंचे।
CBI के जांच अधिकारी और वकील की लेट लतीफी से बेहद नाराज थीं कि एक समय तो उन्होंने पूछा कि क्या मुझे संजय रॉय को जमानत दे देनी चाहिए?
सियादह कोर्ट की अतिरिक्त मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट पामेला गुप्ता को शाम 4:10 बजे CBI अधिकारी ने सरकारी वकील के देरी से आने की सूचना दी। जिसपर पामेला गुप्ता ने कहा, ‘अगर वकील मौजूद नहीं है, तो उन्हें (संजय रॉय को) जमानत मिल जानी चाहिए।’
थोड़ा इंतजार करने पर भी जब वकील दीपक पोरिया नहीं पहुंचे तो मजिस्ट्रेट ने सीबीआई अधिकारी को उन्हें कॉल करने को कहा। उन्होंने कहा, ‘अभी 4:20 बज रहे हैं। यह बहुत दुर्भाग्यपूर्ण है।’
इसके बाद CBI की जांच अधिकारी कोर्ट रूम से बाहर निकल गईं और 15 मिनट बाद वापस लौटकर बताया कि दीपक पोरिया आ रहे हैं। जब पोरिया शाम 5:00 बजे पहुंची, तो बचाव पक्ष की वकील कविता सरकार ने सवाल किया कि 23 अगस्त को पिछली सुनवाई में शामिल होने वाले वकील इस बार सीबीआई का प्रतिनिधित्व क्यों नहीं कर रहे।
इस पर दीपक पोरिया ने जवाब दिया कि वह जांच एजेंसी के फुलटाइम वकील हैं और उन्होंने बिना कोई विशेष कारण बताए संजय रॉय की जमानत का विरोध किया। पोरिया ने रॉय की जमानत का विरोध करते हुए तर्क दिया कि उन्हें रिहा करने से जांच में बाधा आ सकती है।
इस पर कोर्ट ने हालात की गंभीरता पर जोर देते हुए कहा कि सीबीआई को त्वरित एक्शन लेने की जरूरत है। कोर्ट ने फिर संजय रॉय की जमानत याचिका खारिज कर दी और उसे 14 दिनों की न्यायिक हिरासत में भी भेज दिया।