CPI general secretary Sitaram Yechury Death: मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (CPI) के महासचिव और पूर्व सांसद सीताराम येचुरी (Sitaram Yechury) का गुरुवार को लंबी बीमारी के बाद निधन हो गया। वह 72 साल के थे और यहां एम्स में उनका इलाज चल रहा था, जहां उन्होंने अंतिम सांस ली।
येचुरी को निमोनिया और फेफड़े में संक्रमण (Pneumonia and lung Infections) के बाद 19 अगस्त को एम्स में भर्ती कराया गया था। बाद में उन्हें ICU में स्थानांतरित कर दिया गया था। वामपंथी नेता की हाल ही में मोतियाबिंद की सर्जरी हुई थी।
चेन्नई में 12 अगस्त 1952 को जन्मे येचुरी अगस्त 2005 से 2017 तक लगातार दो बार राज्यसभा के सदस्य रहे थे। वह अप्रैल 2015 से माकपा के महासचिव पद पर थे। इससे पहले 1992 से वह माकपा पोलित ब्यूरो के सदस्य और 1984 से माकपा की केंद्रीय समिति से सदस्य रहे थे।
उनके निधन पर शोक जताते हुए कांग्रेस सांसद राहुल गांधी ने कहा, “सीताराम येचुरी जी एक मित्र थे। हमारे देश की गहरी समझ रखने वाले भारत के विचार के रक्षक थे।”
उन्होंने एक्स पर एक पोस्ट में कहा, “मैं हमारे बीच होने वाली लंबी चर्चाओं को याद करता हूं और दुख की इस घड़ी में उनके परिवार, दोस्तों और अनुयायियों के प्रति मेरी गहरी संवेदना है।”
2015 में बने थे माकपा महासचिव
पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने एक्स पर एक पोस्ट में लिखा, “यह जानकर दुख हुआ कि सीताराम येचुरी का निधन हो गया है।
वह एक अनुभवी सांसद थे और उनका निधन राष्ट्रीय राजनीति के लिए एक क्षति होगी। मैं उनके परिवार, दोस्तों और सहकर्मियों के प्रति संवेदना व्यक्त करता हूं।”
येचुरी ने दिल्ली विश्वविद्यालय से स्नातक की पढ़ाई की और जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय से स्नातकोत्तर की पढ़ाई पूरी की। उनके परिवार में पत्नी सीमा चिश्ती येचुरी और दो बेटे हैं।
उन्होंने दिवंगत पार्टी नेता हरकिशन सिंह सुरजीत के मार्गदर्शन में सियासत में कदम रखा था। वह 2015 में प्रकाश करात के बाद CPI(M) General Secretary बने थे।