33rd Foundation Day of Vinoba Bhave University: राज्यपाल सह कुलाधिपति संतोष कुमार गंगवार (Santosh Kumar Gangwar) न कहा कि अभी झारखंड में कोई भी विश्वविद्यालय राष्ट्रीय स्तर की रैंकिंग में अंडर 100 में नहीं हैं।
हमलोगों को आत्म चिंतन और भी मेहनत करने की जरूरत है ताकि भविष्य में हमारी रैंकिंग विश्व के टॉप विश्वविद्यालयों में हो।
वे मंगलवार को हजारीबाग स्थित विनोबा भावे विश्वविद्यालय के 33वें स्थापना दिवस समारोह को संबोधित कर रहे थे।
कार्यक्रम को संबोधित करते हुए हजारीबाग सांसद मनीष जायसवाल ने कहा कि विभावि की जबसे स्थापना हुई है तब से राज्य ही नहीं, बल्कि विदेशों में भी परचम लहराने का काम किया है। नैक में भी इसको बी प्लस स्थान हासिल हुआ है। यह भी गर्व की बात है।
शिक्षकेतर कर्मियों को शॉल देकर किया गया सम्मानित
कार्यक्रम की शुरुआत गणेश वंदना के साथ और दीप प्रज्वलित कर किया गया। इसके अलावा सेवानिवृत्त शिक्षकेतर कर्मियों को राज्यपाल ने शॉल देकर सम्मानित किया। कार्यक्रम के अंत में छात्राओं ने एक से बढ़कर एक सांस्कृतिक कार्यक्रम प्रस्तुत किए।
उल्लेखनीय है कि भूदान आंदोलन से प्राप्त 67 एकड़ की भूमि पर विवि स्थापित गया था। इस कारण इस विश्वविद्यालय का नाम संत विनोबा भावे के नाम पर विनोबा भावे विश्वविद्यालय रखा गया। रांची विवि से अलग होकर विभावि 1992 में बना।
विभावि के पास पहले उत्तरी छोटानागपुर प्रमंडल के अंतर्गत आने वाले सात जिलों के कॉलेज एवं सभी संस्कृत कॉलेज थे। वर्ष 2017 में विभावि से बिनोद बिहारी कोयलांचल विवि अलग हो गया।
अब विभावि के पास पांच जिले, जिसमें हजारीबाग, चतरा, कोडरमा, रामगढ़ एवं गिरिडीह जिला के अंतर्गत आने वाले अंगीभूत कॉलेज, इंजीनियरिंग कॉलेज, मेडिकल कॉलेज, मॉडल महिला कॉलेज, बीएड कॉलेज समेत 80 कॉलेज हैं।
इस मौके पर विश्वविद्यालय के कुलपति IAS सुमन कैथरीन किस्पोट्टा, पुलिस अधीक्षक अरविंद कुमार सिंह, पूर्व सांसद भुवनेश्वर प्रसाद मेहता सहित कई अधिकारी और शिक्षक उपस्थित थे।