Kolkata rape-Murder Case: कोलकाता के आरजी कर रेप और मर्डर मामले (Rape and Murder Cases) में पिछले कई दिनों से प्रदर्शन कर रहे डॉक्टरों की मांगों के आगे आखिरकार ममता सरकार (Mamta government) को झुकना पड़ गया है।
पश्चिम बंगाल जूनियर डॉक्टर्स फोरम के प्रतिनिधिमंडल के साथ सोमवार को पांच घंटे तक चली बैठक के बाद CM ममता बनर्जी ने उनकी मांगों को मान लिया है।
आईये जानते हैं कि आखिर डॉक्टरों की बंगाल सरकार से क्या मांग थी और CM ममता ने उनकी मांगों को लेकर क्या कदम उठाए हैं।
दरअसल, कोलकाता के RG कर मेडिकल कॉलेज और अस्पताल में बीते महीने 9 अगस्त को एक ट्रेनी डॉक्टर के साथ रेप करने के बाद उसकी हत्या कर दी गई थी।
जब मामला सामने आया तो पीड़िता को इंसाफ दिलाने के लिए डॉक्टर सड़कों पर उतर आए। इस मामले को लेकर देश ही नहीं विदेशों में भी डॉक्टरों ने विरोध प्रदर्शन किया।
पीड़िता को इंसाफ दिलाने के लिए हड़ताल पर बैठे डॉक्टरों ने ममता सरकार के सामने कुछ मांगे रखी थी। सबसे पहली मांग यह थी कि इस वारदात में शामिल आरोपी और घटनास्थल से छेड़छाड़ करने वाले दोषियों की गिरफ्तारी हो।
उन्होंने दूसरी मांग रखी कि आरजी कर मेडिकल कॉलेज के पूर्व प्रिंसिपल संदीप घोष पर कार्रवाई की जाए। इसके अलावा चिकित्सा क्षेत्र से जुड़े कर्मचारियों की सुरक्षा को बढ़ाया जाए। साथ ही कोलकाता के पुलिस कमिश्नर विनीत गोयल समेत सभी दोषी अफसरों पर भी कार्रवाई हो।
इसी सिलसिले में CM ममता बनर्जी ने पश्चिम बंगाल जूनियर डॉक्टर्स फोरम के प्रतिनिधिमंडल के साथ सोमवार को एक बैठक की थी।
यह बैठक करीब पांच घंटे तक चली थी। इसके बाद CM ममता बनर्जी ने हड़ताल कर रहे डॉक्टरों की कुछ मांगों पर सहमति जताई।
उन्होंने कोलकाता के पुलिस कमिश्नर विनीत गोयल और डिप्टी कमिश्नर (नॉर्थ) अभिषेक गुप्ता समेत चार अफसरों पर एक्शन लिया है। इसमें स्वास्थ्य विभाग से जुड़े अफसर भी शामिल हैं।
बनर्जी ने कहा…
ममता बनर्जी ने एक बयान में कहा कि हमारी सरकार ने कोलकाता के पुलिस कमिश्नर विनीत कुमार गोयल को बदलने का फैसला किया है।
इसके अलावा कोलकाता पुलिस के डिप्टी कमिश्नर (उत्तरी संभाग) अभिषेक गुप्ता को भी बदला जाएगा। साथ ही राज्य के स्वास्थ्य सेवा निदेशक एवं चिकित्सा शिक्षा निदेशक को भी बदला जाएगा।
बनर्जी ने कहा, “हमने जूनियर डॉक्टरों की अधिकतर मांगों को मान लिया है और हमें उम्मीद है कि राज्य द्वारा संचालित मेडिकल कॉलेजों एवं अस्पतालों में आने वाले मरीजों की दुर्दशा को देखते हुए जूनियर डॉक्टर अब काम पर लौट आएंगे।”
हालांकि, मुख्यमंत्री के ऐलान के बावजूद पश्चिम बंगाल जूनियर डॉक्टर्स फोरम (WBJDF) ने एक बयान जारी किया।
उन्होंने कहा, “वह कोलकाता में RG कर मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल की जूनियर डॉक्टर के साथ हुए बलात्कार एवं हत्या के मामले में अपनी मांगों के समर्थन में अपना ‘काम बंद करो’ आंदोलन तब तक वापस नहीं लेंगे, जब तक मुख्यमंत्री जूनियर डॉक्टरों की मांग के तहत प्रमुख सरकारी अधिकारियों को नहीं हटाती हैं।”
क्राइम सीन पर भी लापरवाही बरती गई
इस केस में पुलिस-प्रशासन की मंशा भी सवालों के घेरे में आई है। कोलकाता पुलिस और अस्पताल प्रशासन द्वारा मामले में लगातार बरती गई लापरवाहियों के कारण बंगाल सरकार की मुसीबत खड़ी हो गई।
पहले बलात्कार तथा हत्या के मामले को आत्महत्या का रूप देने की कोशिश की गई। इसके बाद जूनियर डॉक्टर की मौत के सच को छुपाने की साजिश रची गई।
यही नहीं, क्राइम सीन पर भी लापरवाही बरती गई। मामले ने तूल उस समय पकड़ा, जब पुलिस ने प्रोटेस्ट कर रहे डॉक्टरों पर सख्त कार्रवाई करते हुए लाठीचार्ज किया था।
आरजी कर बलात्कार और दुष्कर्म मामले में ताजा घटनाक्रम की बात करें तो वारदात का मुख्य आरोपी संजय राय पहले ही गिरफ्तार हो चुका है। वहीं, पूर्व प्रिंसिपल संदीप घोष (Principal Sandeep Ghosh) भी गिरफ्तार किया जा चुका है।
इसके अलावा ताला पुलिस स्टेशन के अधिकारी की गिरफ्तारी हुई है। ममता सरकार ने अस्पतालों और मेडिकल कॉलेजों में सुरक्षा के मुद्दे को लेकर मुख्य सचिव के नेतृत्व में एक टास्क फोर्स बनाई है। इसमें गृह सचिव, डीजीपी, कोलकाता पुलिस आयुक्त और डॉक्टरों के प्रतिनिधि शामिल होंगे।