ED summons former IAS Mohinder Singh: नोएडा के फ्लैट खरीदारों से ठगी के मामले में प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने पूर्व IAS Officer Mohinder Singh को तलब किया है। जानकारी के अनुसार, ED ने उन्हें नोटिस जारी कर लखनऊ स्थित जोनल कार्यालय में बुलाया, जहां उनसे हैसिंडा प्रोजेक्ट के लोटस 300 योजना में बिल्डर के साथ साठगांठ के संबंध में पूछताछ की गई।
ED ने हाईकोर्ट के आदेश पर हैसिंडा प्रोजेक्ट प्राइवेट लिमिटेड द्वारा संचालित लोटस 300 प्रोजेक्ट के फ्लैट खरीदारों से धोखाधड़ी के मामले में जांच शुरू की थी।
पिछले सप्ताह ED ने चंडीगढ़, मेरठ, दिल्ली, गोवा सहित 12 स्थानों पर छापेमारी की, जिसमें 12 करोड़ रुपये के हीरे, 7 करोड़ रुपये के सोने के आभूषण और 1 करोड़ रुपये नकद बरामद हुए।
साठगांठ का खुलासा
सूत्रों के अनुसार, मोहिंदर सिंह के इशारे पर नोएडा प्राधिकरण के अधिकारी भी इस साठगांठ में शामिल थे। 2010 के घोटाले में शामिल अन्य अधिकारियों के नाम भी FIR में दर्ज होने की संभावना है।
जांच में पता चला है कि लोटस 300 प्रोजेक्ट में हुए 636 करोड़ रुपये के घोटाले में मोहिंदर सिंह की महत्वपूर्ण भूमिका थी। उल्लेखनीय है कि हैसिंडा प्रोजेक्ट को 69,942 वर्ग मीटर भूमि आवंटित की गई थी।
क्या है लोटस 300 हाउसिंग प्रोजेक्ट घोटाला?
लोटस 300 प्रोजेक्ट लगभग 300 करोड़ रुपये का घोटाला है, जिसमें ED मनी लॉन्ड्रिंग (Money laundering) के तहत जांच कर रही है। यह प्रोजेक्ट नोएडा के सेक्टर 107 में स्थित है, जिसे हैसिंडा प्रोजेक्ट प्राइवेट लिमिटेड को विकसित करने के लिए भूमि आवंटित की गई थी।
इस मामले में 2018 में दिल्ली पुलिस की आर्थिक अपराध शाखा ने रियल एस्टेट कंपनी 3सी के तीन निदेशक, निर्मल सिंह, सुरप्रीत सिंह और विदुर भारद्वाज को गिरफ्तार किया था।
नोएडा विकास प्राधिकरण की भूमिका पर भी कोर्ट ने कड़ी फटकार लगाई थी। इस घोटाले में ED की कार्रवाई से कई नए खुलासे होने की संभावना है।