Badlapur Encounter: बदलापुर दुष्कर्म मामले (Badlapur Rape Case) के आरोपित अक्षय शिंदे के एनकाउंटर थ्योरी पर Bombay High Court ने बुधवार को कई सवाल खड़ा किये और कहा कि घटना में गड़बड़ी लग रही है, इसलिए मामले की और निष्पक्ष जांच की जरूरत है।
हाई कोर्ट ने पुलिस को इस मामले से संबंधित सभी रिपोर्ट तीन अक्टूबर तक पेश करने का आदेश दिया है। मामले की अगली सुनवाई तीन अक्टूबर को होगी।
बदलापुर यौन उत्पीड़न (Badlapur Sexual Harassment) के आरोपित अक्षय शिंदे के पिता अन्ना शिंदे ने बॉम्बे हाई कोर्ट में एक याचिका दायर करके मांग की है कि हत्या की जांच के लिए एक विशेष जांच दल (SIT) का गठन करके हाई कोर्ट की निगरानी में जांच की जानी चाहिए।
बॉम्बे हाई कोर्ट के जस्टिस रेवती मोहिते ढ़ेरे और जस्टिस पृथ्वीराज चव्हाण की खंडपीठ के समक्ष सुनवाई के दौरान अधिवक्ता अमित कतरनवारे ने कहा कि अक्षय शिंदे की ‘फर्जी मुठभेड़’ में हत्या की गई है। इन दलीलों के बाद जस्टिस चव्हाण ने कहा, “एक आम आदमी पिस्तौल नहीं चला सकता। एक कमज़ोर आदमी पिस्तौल लोड नहीं कर सकता।”
हाई कोर्ट ने कहा कि आरोपित पर गोलीबारी टाली जा सकती थी और पुलिस से पूछा कि उसने पहले उसे काबू करने की कोशिश क्यों नहीं की।
Bombay High Court ने सवाल किया, “आरोपित को पहले सिर में गोली क्यों मारी गई, पैरों या हाथों में क्यों नहीं?” “जिस क्षण उसने पहला ट्रिगर दबाया, दूसरे लोग आसानी से उसे काबू कर सकते थे। पुलिस वैन में पांच पुलिस कर्मी थे। वह बहुत बड़ा या मजबूत आदमी नहीं था।
इसे स्वीकार करना बहुत मुश्किल है। इसे मुठभेड़ नहीं कहा जा सकता।” हाई कोर्ट ने वैन में उपस्थित पांचों पुलिस कर्मियों के मोबाइल की सीडीआर रिपोर्ट भी पेश करने का आदेश दिया है।
अगली सुनवाई तीन अक्टूबर तक के लिए स्थगित
साथ ही कोर्ट ने पूछा कि आरोपित को घटनास्थल से अस्पताल कितनी देर में पहुंचाया गया। आरोपित के दोनों हाथों में हथकड़ी और चेहरे पर नकाब होते हुए भी उसने पांच पुलिस वालों के रहते हुए पिस्तौल कैसे छीन ली, इसकी रिपोर्ट पेश करने का भी आदेश कोर्ट ने पुलिस को दिया है।
हाई कोर्ट ने पुलिस को अक्षय शिंदे का बदलापुर में अंतिम संस्कार का इंतजाम करवाने का भी आदेश दिया है। इसके बाद कोर्ट ने इस मामले की अगली सुनवाई तीन अक्टूबर तक के लिए स्थगित कर दी।
अक्षय शिंदे को पुलिस ने ठाणे जिले के बदलापुर शहर के एक स्कूल में दो नाबालिग लड़कियों का यौन उत्पीड़न मामले में 17 अगस्त को गिरफ्तार किया था।
अक्षय शिंदे को सेशन कोर्ट ने इस मामले में न्यायिक हिरासत में भेज दिया था और उसे नवी मुंबई के तलोजा अस्पताल में रखा गया था। शिंदे को 23 सितंबर की शाम को तलोजा जेल से बदलापुर ले जाया जा रहा था। इसी दौरान मुंब्रा बाईपास के पास इनकाउंटर में गोलीबारी (Firing) के दौरान वह घायल हो गया था। उसे कलवा अस्पताल पहुंचाया गया, लेकिन डॉक्टरों ने शिंदे को मृत घोषित कर दिया था।