लोहरदगा: उत्तराखंड में ग्लेशियर टूटने के बाद हुई तबाही से एनपीटीसी पॉवर प्रोजेक्ट में काम कर रहे किस्को प्रखण्ड के बेठहठ पंचायत के महुरांग टोली, डॉड़ी टोली एवं चोरटांगी के नो लोगों के लापता होने के 12 दिन बीत जाने के बाद एक शव की पहचान होने की जानकारी मिली है।
जानकारी के अनुसार शव की पहचान बेठहठ निवासी विक्की भगत के रूप में हुई है।
12 दिन बीत जाने के बाद गुरुवार को एक मजदूर की पहचान हुई है।
परिवार के कुछ सदस्यों को मजदूरों की पहचान के लिए श्रम अधीक्षक की अगुवाई में उत्तराखंड ले जाया गया है, जहां परिवार के सदस्यों की मौजूदगी में शवों की पहचान कराई जा रही है, जिसमें विक्की भगत का शव मिला है।
जबकि अन्य लोगों की पहचान के लिए परिवार के सदस्यों को रखा गया है।
शव की पहचान के लिए उत्तराखंड प्रसाशन द्वारा परिवार के सदस्यों का डीएनए सैंपल भी लिया गया है, जिससे भी शवों की पहचान की जा रही है।
उत्तराखंड के चमोली में जल प्रलय के बारह दिन बाद बेटहट महुरांग टोली के एक मजदूर विक्की भगत का शव मिला।
तपोवन जल विद्युत परियोजना की निर्माणाधीन सुरंग से मजदूर का शव निकाला गया, जबकि अन्य आठ मजदूर अभी भी लापता हैं।
विकी भगत नामक मजदूर का शव सुरंग से निकाले जाने के बाद मामले की जानकारी एवं मृत अवस्था में तस्वीर मिलने के बाद गांव में मातम छाया हुआ है।
एक शव मिलने के बाद ही अन्य लापता आठ मजदूर के परिजन का भी बुरा हाल हो गया है।
सभी के परिजन अपनों के सकुशल मिलने की आस में थे। एक शव मिलने के बाद सभी उम्मीद टूट सा गया है।
बताया जा रहा है कि चमोली के डॉक्टरी रिपोर्ट के अनुसार विक्की भगत मजदूर का सुरंग में कई दिनों तक जीवित था। पांच दिन पूर्व ही मौत हुई है।
गौरतलब हो कि विक्की भगत ने 21 जनवरी 2021 को सभी मजदूरों को एनटीपीसी पावर प्रोजेक्ट में काम करने ले गया था।