कनाडा के नागरिकों के बजाय भारतीयों को नौकरी में प्राथमिकता पर उठा सवाल…

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Question raised on priority given to Indians in jobs: कनाडाई महिला क्लॉस आर्मिनियस, (Canadian woman Klaus Arminius) ने लोकप्रिय कॉफीहाउस और रेस्तरां चेन टिम हॉर्टन्स इंक पर भेदभाव का आरोप लगा दिया है।

उन्होंने पोस्ट में कहा कि कंपनी कनाडाई नागरिकों के बजाय भारतीयों को नौकरी देने को प्राथमिकता दे रही है। उनके आरोप के बाद कनाडाई लोगों के बीच मुद्दे पर बहस छिड़ गई है, जिसमें कुछ ने उनके आरोप को सही, जबकि कुछ ने गैरजरुरी बताया है।

आर्मिनियस (Arminius) ने बताया कि टिम ने पहले कनाडाई कर्मचारियों के साथ भेदभाव किया और जब उन्होंने इसकी शिकायत की, तब उन्हें नौकरी से निकाल दिया। उन्होंने कहा, कंपनी भारतीयों का पक्ष लेती है, जो देश की विविधता और समावेशी चरित्र के खिलाफ है। उनके पोस्ट को 45 लाख लोग देख चुके हैं।

क्लॉस के आरोपों ने बड़ी संख्या में लोगों का ध्यान आकर्षित किया

पोस्ट में कहा, इंडियन मैनेजर ने विशेष रूप से भारतीय अप्रवासियों को काम दिया। एक तरह के लोगों को भर्ती करने से काम करने का वातावरण प्रभावित हुआ।

जब मैंने अपनी चिंताओं को कंपनी के मैनेजमेंट के सामने रखा, तब उन्हें खारिज कर दिया गया। इसकारण मुझे अपनी चार साल पुरानी नौकरी खोनी पड़ी।

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क्लॉस के आरोपों ने बड़ी संख्या में लोगों का ध्यान आकर्षित किया है। कई कनाडाई नागरिकों ने मुद्दे पर चिंता जाहिर की है, वहीं कुछ का कहना है कि अगर अप्रवासी योग्य हैं और कम वेतन में काम करने को तैयार हैं, तब उन्हें नौकरी क्यों नहीं दी जानी चाहिए।

हॉर्टन्स (Hortons) ने अभी तक अपनी पूर्व कर्मचारी के इन आरोपों पर कोई टिप्पणी नहीं की है। यह मामला उस समय सामने आया है जब कनाडा में घरों की कमी और बढ़ती बेरोजगारी एक बड़ा मुद्दा बन चुके हैं।

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