Jharkhand Political News: अभी झारखंड में विधानसभा चुनाव की भारत निर्वाचन आयोग ने घोषणा नहीं की है, लेकिन सभी पार्टियों अपनी अपनी रणनीति पर आगे बढ़ रही है।
सियासी गलियारों से ऐसी सूचना मिल रही है कि ‘INDIA’ गठबंधन में सीट शेयरिंग का खाका जल्द तैयार होगा। इसको लेकर कांग्रेस के अंदर मंथन चल रहा है। कांग्रेस कुछ नई सीटों पर दावेदारी की तैयारी में है।
पिछले UPA गठबंधन में कांग्रेस के खाते में 31 सीटें आई थीं। इनमें से कांग्रेस ने 16 सीटों पर जीत दर्ज की। बता दें कि प्रदीप यादव और बंधु तिर्की के आने के बाद कांग्रेस का ग्राफ 18 पर पहुंच गया था।
पिछले चुनाव में कांग्रेस 6 सीटों पर आखिरी समय तक प्रत्याशी की तलाश कर रही थी। कांग्रेस ने इस बार 40 सीटों पर सर्वे कराया है।
इन नई सीटों पर लड़ना चाहती है कांग्रेस
बताया जा रहा है कि सीटिंग सीटों सहित कई नई जगहों पर कांग्रेस जमीन तलाश रही है। कांग्रेस रांची, खूंटी, सिसई, बिशुनपुर सहित दूसरी सीटों पर इस बार अपनी दावेदारी पेश करेगी।
ये सीटें पिछली बार झामुमो के खाते में गई थीं। रांची शहरी इलाके में कांग्रेस अपने समीकरण का हवाला दे रही है। वहीं, खूंटी लोकसभा चुनाव जीतने के बाद खूंटी विधानसभा में कांग्रेस की दावेदारी होगी। सिसई में फिलहाल झामुमो के विधायक हैं।
सिसई सीट पर दावा का आधार
सिसई सीट से गीताश्री उरांव कांग्रेस से विधायक रह चुकी हैं। ऐसे में इस सीट पर कांग्रेस उनके लिए दावा करेगी। बिशुनपुर सीट पर भी कांग्रेस की नजर है। इस सीट से झामुमो के चमरा लिंडा विधायक हैं।
लेकिन, चमरा की झामुमो से दूरी रही है। उन्होंने लोहरदगा से बागी के रूप में लोकसभा का चुनाव लड़ा था। कांग्रेस के प्रदेश नेताओं की मानें, तो पार्टी इस बार 34-35 सीटों पर अपना दावा पेश करेगी।
पलामू में फंसना नहीं चाहती है पार्टी
कांग्रेस अपने समीकरण के आधार पर दक्षिणी छोटानागपुर की ज्यादा से ज्यादा सीटों पर दावेदारी कर सकती है। कांग्रेस इन सीटों पर अपने हिसाब से चुनावी समीकरण देख रही है।
पिछली बार पलामू प्रमंडल से कांग्रेस के खाते में डालटनगंज, मनिका, विश्रामपुर, भवनाथपुर और पांकी विधानसभा की सीट आयी थी। मनिका छोड़ कांग्रेस कोई सीट नहीं जीत पाई। इस बार कांग्रेस पलामू में फंसना नहीं चाहती है।
पार्टी के पास कोयलांचल की थीं चार सीटें
कोयलांचल की चार सीटें- धनबाद, झरिया, बाघमारा और बोकारो कांग्रेस के पास गई थीं। इसमें केवल झरिया में जीत मिली। बोकारो में तो प्रत्याशी बदलना पड़ा। ऐसी कुछ सीटों को कांग्रेस छोड़ सकती है।
इसके बदले नई सीटों पर नजर होगी। उत्तरी छोटानागपुर में बरही, बेरमो व बड़कागांव ही जीत पाई। सिमरिया, जमुआ जैसी सीटों पर कांग्रेस कुछ खास नहीं कर सकी थी।