Madrasa Degree Holders will be Dismissed : मदरसा डिग्री धारी (Madarsa Degree Holders) नौकरी करने वाले Jharkhand के लोग सावधान हो जाएं। झारखंड में BJP सरकार बनते ही उन्हें नौकरी से बर्खास्त कर दिया जाएगा।
उनकी जगह 50000 नए युवकों को नौकरी देने का ऐलान भाजपा के फायर ब्रांड नेता Nishikant Dubey ने किया है।
दुबे ने सोशल मीडिया में राय की जाहिर
दुबे ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ‘X’ पर लिखा, ‘कल Supreme Court के आदेश के बाद आलिम, फाजिल और कामिल मदरसा डिग्रीधारी लोगों को भाजपा सरकार झारखंड में बनते ही नौकरी से बर्खास्त किया जाएगा।
अब लगभग 50 हजार झारखंड के युवाओं को अलग से नौकरी मिलेगी। मदरसा द्वारा स्नातक, स्नातकोत्तर और डॉक्टरेट की डिग्री असंवैधानिक है।’
कल सुप्रीम कोर्ट ने क्या सुनाया था फैसला
मंगलवार यानी 5 नवंबर को चीफ जस्टिस DY चंद्रचूड़, न्यायमूर्ति जेबी पारदीवाला और जस्टिस मनोज मिश्रा की पीठ ने 2004 के उत्तर प्रदेश मदरसा शिक्षा कानून की संवैधानिक वैधता को बरकरार रखते हुए मदरसों की डिग्री को लेकर भी अहम बात कही है।
अदालत ने कहा है कि 2004 कानून के तहत ‘फाजिल’ (स्नातक) और ‘कामिल’ (स्नातकोत्तर) की डिग्री समेत उच्च शिक्षा के नियमन के लिए कानूनी प्रावधान राज्य विधानमंडल के अधिकार क्षेत्र से परे है, क्योंकि यह प्रावधान विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (UGC) अधिनियम के प्रावधानों के विरोधाभासी है और इसलिए असंवैधानिक था।
इसे ही आधार बनाकर भाजपा के सांसद निशिकांत दुबे ने उक्त राय रखी है, लेकिन शायद उन्होंने यह ध्यान नहीं दिया कि सुप्रीम कोर्ट के आदेश में नौकरी से किसी को हटाने जैसी बात का संकेत नहीं है।