Higher Education to Poor Talented Students: PM मोदी (PM Modi) की अध्यक्षता में केन्द्रीय मंत्रिमंडल ने केन्द्रीय क्षेत्र की एक नई योजना PM Vidyalakshmi को मंजूरी दे दी है।
इस नई योजना (New Plan) का उद्देश्य मेधावी विद्यार्थियों को वित्तीय सहायता प्रदान करना है ताकि वित्तीय बाधाएं किसी को भी उच्च शिक्षा प्राप्त करने से न रोकें।
PM विद्यालक्ष्मी राष्ट्रीय शिक्षा नीति, 2020 से निकली एक और महत्वपूर्ण पहल है, जिसने यह सिफारिश की थी कि सार्वजनिक और निजी, दोनों प्रकार के उच्च शिक्षा संस्थानों (HEI) में विभिन्न उपायों के माध्यम से मेधावी विद्यार्थियों को वित्तीय सहायता उपलब्ध कराई जानी चाहिए।
PM विद्यालक्ष्मी योजना के तहत, गुणवत्तापूर्ण उच्च शिक्षा संस्थान (QHEI) में प्रवेश लेने वाला कोई भी विद्यार्थी ट्यूशन फीस की पूरी राशि और पाठ्यक्रम से संबंधित अन्य खर्चों को कवर करने हेतु बैंकों और वित्तीय संस्थानों से गिरवी मुक्त एवं गारंटर मुक्त ऋण प्राप्त करने का पात्र होगा।
विद्यार्थी बकाया डिफॉल्ट के 75 प्रतिशत की क्रेडिट गारंटी के भी पात्र होंगे
यह योजना एक सरल, पारदर्शी एवं विद्यार्थियों के अनुकूल प्रणाली के माध्यम से संचालित की जाएगी, जो अंतर- संचालनीय और पूरी तरह से डिजिटल होगी।
यह योजना NIRF रैंकिंग द्वारा निर्धारित देश के शीर्ष गुणवत्ता वाले उच्च शिक्षण संस्थानों में लागू होगी। इस योजना में NIRF के समग्र, श्रेणी-विशिष्ट और डोमेन -विशिष्ट रैंकिंग में शीर्ष 100 में स्थान रखने वाले सभी HEI, सरकारी एवं निजी, शामिल हैं। NIRF रैंकिंग में 101-200 में स्थान रखने वाले राज्य सरकार के उच्च शिक्षा संस्थानों (HEI) और केन्द्र सरकार द्वारा प्रशासित सभी संस्थानों को इसमें शामिल किया है।
इस सूची को NIRF के नवीनतम रैंकिंग का उपयोग करके हर वर्ष अद्यतन किया जाएगा और शुरुआत 860 योग्य QHEI से होगी, जिसमें 22 लाख से अधिक विद्यार्थी शामिल होंगे जो अपनी इच्छानुसार संभावित रूप से पीएम-विद्यालक्ष्मी (PM-Vidyalakshmi) का लाभ उठा सकेंगे। कुल 7.5 लाख रुपये तक की ऋण राशि के लिए, विद्यार्थी बकाया डिफॉल्ट के 75 प्रतिशत की क्रेडिट गारंटी के भी पात्र होंगे। इससे बैंकों को इस योजना के तहत विद्यार्थियों को शिक्षा ऋण उपलब्ध कराने में सहायता मिलेगी।