गाजियाबाद: केंद्र सरकार के तीन नए कृषि कानूनों के खिलाफ किसानों का प्रदर्शन निरंतर चल रहा है।
भारतीय किसान यूनियन के नेता राकेश टिकैत ने केंद्र सरकार पर किसानों के बीच में फूट डालने का आरोप लगाया।
टिकैत ने कहा कि उनकी यूनियनें एकजुट रहेंगी।
किसान नेता ने नए कृषि कानूनों पर गतिरोध बढ़ने पर दिल्ली में ‘हल क्रांति’ की चेतावनी भी दी।
कृषि कानून निरस्त नहीं होने तक वापस घर नहीं जाने की बात दोहराते हुए टिकैत ने कहा कि किसानों को इसके लिये अपनी खड़ी फसल के बलिदान के लिये तैयार रहना चाहिए।
टिकैत ने कहा कि सरकार को इस मुगालते में नहीं रहना चाहिए कि कानूनों के खिलाफ आंदोलन खत्म हो जाएगा क्योंकि किसान अपनी फसल की कटाई के लिये घर चले जाएंगे।
हिसार के खड़क पूनिया गांव में एक ‘महापंचायत’ को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा, ‘आपको अपनी खड़ी फसल को आग ही क्यों न लगानी पड़े, आपको इसके लिये तैयार रहना चाहिए।
सरकार को यह गलतफहमी नहीं होनी चाहिए कि किसान घर लौट जाएंगे।
हम अपनी फसल की कटाई भी करेंगे और उसके साथ ही अपना प्रदर्शन भी जारी रखेंगे।’
उन्होंने कहा, तब तक कोई ‘घर वापसी’ नहीं होगी।
टिकैत ने कहा कि हरियाणा के बाद वे पश्चिम बंगाल, कर्नाटक, तमिलनाडु और गुजरात समेत देश के अन्य हिस्सों में भी पंचायत करेंगे।
टिकैत ने कहा कि पहले जहां दिल्ली में “ट्रैक्टर रैली” के लिये आह्वान किया गया था वहीं अगली बार वे अपने कृषि उपकरणों के साथ राष्ट्रीय राजधानी जाएंगे।
दिल्ली बॉर्डर पर कंटीले तार लगवाने को लेकर टिकैत ने तंज कसते हुए कहा कि ये लोग रोटी तिजोरी में बंद कर देंगे।
टिकैत ने कहा है कि किसानों का यह आंदोलन आने वाले दिनों में पश्चिम बंगाल तक फैलेगा।
टिकैत ने कहा, ‘क्या पश्चिम बंगाल कोई बाहरी राज्य है ?
तो फिर हम पश्चिम बंगाल क्यों नहीं जा सकते ?
वहां के किसानों को अपनी फसलों पर उचित कीमत नहीं मिल पा रही है।’
उन्होंने कहा कि वह पश्चिम बंगाल जाने की योजना इसलिए नहीं बना रहे हैं कि वहां चुनाव होने वाले हैं, बल्कि किसानों के मुद्दों पर जागरूकता बढ़ाने के लिए जा रहे हैं।
टिकैत ने यह भी कहा कि आने वाले दिनों में पश्चिम बंगाल में भी महापंचायत आयोजित की जाएगी।