Tata Memorial Hospital Becomes a Support for the Poor: ब्लड कैंसर (Blood Cancer) से पीड़ित बच्चों और वयस्कों के लिए बोन मैरो ट्रांसप्लांट (BMT) इतना महंगा है कि निम्न आय वर्ग के लोग इसे वहन नहीं कर सकते।
लेकिन मुंबई का टाटा मेमोरियल हॉस्पिटल (Tata Memorial Hospital) का बीएमटी सेंटर गरीब परिवारों के मरीजों के लिए आशा की किरण बन गया है और पिछले 17 वर्षों में टाटा हॉस्पिटल के BMT Center में बोन मैरो ट्रांसप्लांट के मरीजों की संख्या में वृद्धि हुई है। बताया गया है कि टाटा अस्पताल में बोन मैरो प्रत्यारोपण 2007 में शुरू हुआ।
2007 से 18 अक्टूबर 2024 तक बोन मैरो ट्रांसप्लांट से 1076 मरीज ठीक हुए हैं। इस BMT सेंटर में दोनों तरह के ट्रांसप्लांट यानी ऑटोलॉगस और एलोजेनिक बोन मैरो ट्रांसप्लांट किए जाते हैं।
3 मरीजों का बोन मैरो ट्रांसप्लांट हुआ
इस सेंटर में हर माह औसतन 10 बोन मैरो ट्रांसप्लांट (Bone Marrow Transplant) किये जा रहे हैं। बोन मैरो प्रत्यारोपण केंद्रों में एनीमिया या रक्त कैंसर से पीड़ित मरीजों का इलाज किया जाता है।
इनमें से कुछ मरीजों को इस बीमारी से छुटकारा दिलाकर उनकी जान बचाने में मदद मिली है। एक वरिष्ठ डॉक्टर ने कहा, अनुभवी डॉक्टरों और नर्सों की एक टीम के साथ आवश्यक बुनियादी ढांचे तथा दानदाता के सहयोग से, हम बीएमटी का एक अंतरराष्ट्रीय संगठन स्थापित कर सकते हैं”।
अस्पताल के जनसंपर्क सूचना अधिकारी डाॅ. विनीत सामंत कहते हैं कि टाटा हॉस्पिटल ने 2007 में नवी मुंबई के पास खारघर के एक्ट्रेक सेंटर में बोन मैरो ट्रांसप्लांट सेंटर शुरू किया था। स्थापना के पहले वर्ष में यहां 3 मरीजों का बोन मैरो ट्रांसप्लांट हुआ। इसके बाद 17 वर्षों में टाटा हॉस्पिटल के BMT Center में लगभग 1 हजार 076 बोन मैरो प्रत्यारोपण किया जा चुका है।