HEC Foundation Day : 62 साल पहले आज ही के दिन 1962 में देश के पहले प्रधानमंत्री Jawaharlal Nehru ने हेवी इंजीनियरिंग कॉरपोरेशन (HEC) का उद्घाटन किया था।
इस अवसर पर उन्होंने कहा था कि HEC देश के विकास में मील का पत्थर साबित होगा। HEC ने अपने जीवनकाल के 62 वर्षों में समय-समय पर अपनी उपयोगिता साबित की है।
विकास में बड़ी भूमिका
देश के औद्योगिकीकरण के क्षेत्र में HEC ने अपनी बड़ी भूमिका निभाई है। इतना ही नहीं ISRO को लॉन्चिंग पैड (Launching Pad) के साथ-साथ गंगनयान (Gaganyan) और चंद्रयान (Chandrayan) के लॉन्चिंग पैड देने वाला भी HEC है।
औद्योगिकीकरण के क्षेत्र में HEC ने अपनी महती भूमिका निभाते हुए बोकारो, दुर्गापुर, भिलाई, राउरकेला, विशाखापट्टनम जैसे बड़े स्टील प्लांटों की स्थापना की, जिनकी भूमिका आज भी देश में स्टील उत्पादन में सर्वाधिक है।
इसके अलावा ISRO के तीन लांचिंग पैड, इओटी क्रेन के अलावा अन्य उपकरण, पानी जहाज के उपकरण, सेना के लिए माउंटेन गन, बांग्लादेश युद्ध के समय गन बैरल, टी-72 टैंक के लिए उपकरण, माइनिंग क्षेत्र के विभिन्न क्षमता के शावेल, ड्रैगलाइन का निर्माण किया है।
अब आर्थिक संकट की मार
पिछले कई वर्षों से HEC आर्थिक संकटों से गुजर रहा है। आज के समय में उसके स्थापना दिवस (Foundation Day) पर कोई बड़ा कार्यक्रम नहीं हो रहा है।
आर्थिक संकट के कारण कर्मियों का 27 माह का वेतन बकाया है। कार्यशील पूंजी के अभाव में प्लांटों में उत्पादन ठप है। HEC की देनदारी लगभग तीन हजार करोड़ रुपये हो गई है।
पहले स्थपना दिवस पर निकाली जाती थी रैली
आज के समय में HEC कर्मी बच्चों की फीस जमा नहीं कर पा रहे हैं। निजी स्कूल से नाम कटा कर सरकारी स्कूल में दाखिला कराने पर मजबूर हैं। कर्मी कर्ज के बोझ से दबे हुए हैं। जेवर व जमीन बेच रहे हैं। चिंता से कई बीमारियों से ग्रस्त हो रहे हैं।
पूर्व में जहां स्थापना दिवस पर रैली निकाली जाती थी, सांस्कृतिक कार्यक्रमों का आयोजन होता था। पंडित नेहरू की कार चलाई जाती थी, जो अब खराब पड़ी हुई है।
HEC के अधिकारी ने बताया कि इस वर्ष कोई बड़ा आयोजन नहीं किया जा रहा है। सिर्फ औपचारिकता ही पूरी की जाएगी।
HEC कर्मियों ने मनाई थी पंडित नेहरू की जयंती
गुरुवार को HEC कर्मियों ने नेहरू पार्क में देश के प्रथम प्रधानमंत्री पंडित Jawaharlal Nehru की जयंती मनाई थी। उनके चित्र पर माल्यार्पण किया था। श्र
मिक नेता भवन सिंह ने कहा कि पंडित नेहरू ने मातृ उद्योग HEC की स्थापना की थी, जो आज कुप्रबंधन के कारण बंदी की कगार पर है।
कर्मियों को नियमित वेतन नहीं मिल रहा है. 27 माह का वेतन बकाया हो गया है। प्लांटों में कार्यशील पूंजी के अभाव में उत्पादन ठप पड़ा है।