Organization of Maha Kumbh Mela: हिंदू धर्म का एक बेहद महत्वपूर्ण धार्मिक उत्सव महाकुंभ (Mahakumbh) है।
इसे ‘कुंभ मेला’ (Kumbh Mela) भी कहा जाता है। बताते चले कुंभ मेला का आयोजन प्रति 12 वर्षों के दौरान किया जाता है।
यह उत्सव भारत की चार पवित्र नदियों और चार तीर्थ स्थानों पर ही आयोजित होता है। इसी कारण महाकुंभ का आयोजन सिर्फ प्रयागराज, हरिद्वार, उज्जैन और नासिक में ही होता है।
हरिद्वार में गंगा नदी, उज्जैन में शिप्रा, नासिक में गोदावरी और प्रयागराज में संगम (गंगा, जमुना और पौराणिक सरस्वती का संगम) पर कुंभ मेले का आयोजन होता है।
करोड़ों श्रद्धालु कुंभ मेला पर्व के दौरान पवित्र नदी में आस्था की डुबकी लगाते हैं। मान्यता है कि इस पवित्र स्नान से मनुष्य के पापों का क्षय होता है और वह मोक्ष की ओर अग्रसर होते हैं।
आगामी साल 2025 में 12 सालों के बाद महाकुंभ (Mahakumbh) का आयोजन होने जा रहा है। तो चलिए आज आपको बताते हैं कि इस वर्ष महाकुंभ कब से शुरू हो रहा है और कहां कुंभ मेले का आयोजन किया जाना है।
इस बार यहां होगा महाकुंभ का आयोजन
महाकुंभ 2025 की मेजबानी उत्तर प्रदेश करने को तैयार है। संगम नगरी प्रयागराज में कुंभ मेले का आयोजन हो रहा है। वैसे तो हर साल प्रयागराज में माघ मेला लगता है, लेकिन अर्ध कुंभ और महाकुंभ मेला विशेष धार्मिक महत्व रखता है।
बताते चलें इसके पहले साल 2013 में प्रयागराज में महाकुंभ मेला लगा था। साल 2019 में प्रयागराज में भव्य अर्धकुंभ का आयोजन हुआ था। एक बार फिर योगी सरकार महाकुंभ के आयोजन के लिए तैयार है।
कब से शुरू हो रहा है महाकुंभ मेला
हिंदू तिथि के अनुसार, हर 12 साल में पौष पूर्णिमा के स्नान पर्व के साथ महाकुंभ की शुरुआत होती है और महाशिवरात्रि (Mahashivratri) पर खत्म होता है।
कुंभ की भव्यता और मान्यता का अंदाजा इस बात से लगा सकते हैं कि कुंभ में स्नान करने के लिए लाखों-करोड़ों श्रद्धालुओं की भीड़ जुटती है।
इस वर्ष 13 जनवरी 2025 को महाकुंभ की शुरुआत होगी, जिसका समापन 26 फरवरी 2025, महाशिवरात्रि को होगा। महाकुंभ 45 दिन तक चलता है।
महाकुंभ 2025 में शाही स्नान की महत्वपूर्ण तिथियां
13 जनवरी 2025- पौष पूर्णिमा स्नान
14 जनवरी 2025- मकर संक्रांति
29 जनवरी 2025- मौनी अमावस्या
3 फरवरी 2025- बसंत पंचमी
12 फरवरी 2025- माघी पूर्णिमा
26 फरवरी 2025- महाशिवरात्रि