नई दिल्ली: एक बार फिर से दिल्ली के 12 कॉलेजों की ग्रांट रिलीज नहीं हुई है। ऐसे में इन कॉलेजों के शिक्षक और कर्मचारी सैलरी न मिलने से मानसिक रूप से तनाव में हैं।
बहुत से शिक्षकों को ईएमआई ,मकान का किराया देने ,गाड़ी का लोन देने, बच्चों की फीस जमा करने व परिवार चलाने में दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है।
दिल्ली टीचर्स एसोसिएशन ने इस विषय पर दिल्ली विश्वविद्यालय के डीन ऑफ कॉलेजिज व रजिस्ट्रार से मुलाकात की और आश्वासन दिया है कि वे सरकार और विश्वविद्यालय के बीच संवाद का कार्य करेंगे।
डीटीए जल्द ही मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल व उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया से मिलकर पिछले चार महीने से पूर्ण वित्त पोषित 12 कॉलेजों की ग्रांट रिलीज कराने के लिए भी मिलेंगे।
दिल्ली विश्वविद्यालय के शिक्षक संगठन, दिल्ली टीचर्स एसोसिएशन (डीटीए) का एक प्रतिनिधि मंडल दिल्ली विश्वविद्यालय के डीन ऑफ कॉलेजिज डॉ. बलराम पाणी व रजिस्ट्रार (कुलसचिव) डॉ. विकास गुप्ता से मुलाकात की है।
यह मुलाकात दिल्ली सरकार के वित्त पोषित 28 कॉलेजों की गवनिर्ंग बॉडी के एक्सटेंशन दिए जाने की मांग को लेकर थी।
दिल्ली विश्वविद्यालय प्रशासन से मांग की गई है कि दिल्ली सरकार के अंतर्गत आने वाले 28 कॉलेजों वित्त पोषित की गवर्निग बॉडी को एक्सटेंशन दिया जाए। ज्ञापन देने वालों में , सचिव डॉ. मनोज कुमार सिंह भी उनके साथ थे।
डीटीए ने डीन ऑफ कॉलेजिज डॉ. पाणी से दिल्ली सरकार के अंतर्गत आने वाले वित्त पोषित 28 कॉलेजों की गवनिर्ंग बॉडी के एक्सटेंशन कराने, शिक्षकों से ट्रांसपोर्ट अलाउंस (टीए) की रिकवरी न करने ,एडहॉक टीचर्स का कॉलेजों में अटेंडेंस रजिस्टर न रखने की मांग की है।
डीन ऑफ कॉलेजिज डॉ. बलराम पाणी ने डीटीए प्रतिनिधि मंडल से कहा कि दिल्ली सरकार के अंतर्गत आने वाले 28 कॉलेजों की गवनिर्ंग बॉडी के एक्सटेंशन देने के लिए विश्वविद्यालय प्रशासन अध्यादेश के प्रावधानों के अनुरूप निर्णय लेगी।
ऐसे प्रावधान किए जाएंगे ताकि सरकार और विश्वविद्यालय प्रशासन के बीच बेहतर संवाद स्थापित हो सके।
डॉ. बलराम पाणी ने बताया कि वह दिल्ली सरकार के अंतर्गत आने वाले वित्त पोषित 28 कॉलेजों की गवनिर्ंग बॉडी को डीयू जल्द ही एक्सटेंशन दे रहा है।
इस संबंध में जल्द ही अधिसूचना जारी कर दी जाएगी। लेकिन सरकार को भी विश्वविद्यालय प्रशासन के साथ बेहतर संवाद स्थापित करना चाहिए।
उन्होंने डीटीए के पदाधिकारियों को कहा कि वे सरकार से 12 कॉलेजों की ग्रांट रिलीज कराने के लिए बात करें। शिक्षकों और कर्मचारियों को सैलरी न मिलने से मानसिक रूप से तनाव में जी रहे हैं।
बहुत से शिक्षकों को ईएमआई ,मकान का किराया देने ,गाड़ी का लोन देने, बच्चों की फीस जमा करने व परिवार चलाने में दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है।
शिक्षकों ने डीन ऑफ कॉलेजिज व रजिस्ट्रार को डीटीए की ओर से पूर्ण आश्वासन दिया है कि वह सरकार और विश्वविद्यालय के बीच संवाद का कार्य करेंगे।
डीटीए जल्द ही मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल व उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया से मिलकर पिछले चार महीने से पूर्ण वित्त पोषित 12 कॉलेजों की ग्रांट रिलीज कराने के लिए मिलेंगे।
साथ ही शैक्षिक व गैर शैक्षिक पदों पर स्थायी नियुक्ति की प्रक्रिया शुरू करने, प्रिंसिपलों व लाइब्रेरियन के पदों पर स्थायी नियुक्ति करने संबंधी उनसे मिल रहा है।