Prisoner Gets 90 days Parole for Farming: कर्नाटक कोर्ट (Karnataka Court) ने हत्या के दोषी एक कैदी को खेती कार्यों की देखभाल के लिए 90 दिन की पैरोल पर छोड़ दिया है।
यह फैसला मानवीय आधार और पारिवारिक परिस्थितियों को ध्यान में रखते हुए लिया है। आरोपी चंद्रा, रामनगर जिले के सिद्धेवरहल्ली गांव (Siddevarahalli Village) का रहने वाला है। वह हत्या के जुर्म में आजीवन कारावास की सजा काट रहा है।
वह पिछले 11 सालों से जेल में बंद है। चंद्रा ने जेल अधीक्षक को आवेदन कर बताया कि उसके परिवार में खेत की देखभाल करने के लिए कोई पुरुष नहीं है।
चंद्रा को 90 दिनों के लिए सशर्त पैरोल दी
चंद्रा (Chandra) ने खेती के काम के लिए पैरोल का आवेदन दिया था, जिसे 23 सितंबर, 2024 को खारिज कर दिया गया। इसके बाद उसने कर्नाटक हाईकोर्ट का रुख किया।
न्यायमूर्ति हेमंत चंदनगौदर (Hemant Chandanagoudar) ने चंद्रा को 90 दिनों के लिए सशर्त पैरोल दी है। उसे हर सप्ताह के पहले दिन क्षेत्रीय पुलिस थाने में उपस्थिति दर्ज करानी होगी। पैरोल की अवधि के दौरान किसी भी गैरकानूनी गतिविधि में शामिल नहीं होगा।
तय शर्तों का उल्लंघन होने पर पैरोल खुद ब खुद रद्द हो जाएगी। न्यायमूर्ति चंदनगौदर ने कहा कि चंद्रा ने पैरोल के लिए प्रथम दृष्टया एक मजबूत आधार पेश किया।
वह पिछले 11 सालों से जेल में है और इससे पहले उसे पैरोल पर रिहा नहीं किया गया था। पैरोल का यह फैसला आरोपी की पारिवारिक जिम्मेदारियों को समझते हुए लिया गया है। जेल अधीक्षक को यह अधिकार दिया गया है कि वह कैदी की वापसी तय करने के लिए सामान्य शर्तें लागू कर सके।