CM Action Against PSU : वाकई यह आश्चर्यजनक है कि झारखंड (Jharkhand) में काम करने वाले आठ पब्लिक सेक्टर अंडरटेकिंग (PSU) ने अपने गठन के बाद से आज तक अपने लाभ का डिविडेंड (हिस्सा) (Profit Dividend) राज्य सरकार को नहीं दिया है।
इस बात की सच्चाई स्पष्ट होने के बाद अब हेमंत सरकार ने इसे लेकर कड़ाई करना शुरू कर दिया है। ऐसे PSU पर अब एक्शन होगा।
अब देना होगा 30% हिस्सा
जानकारी के अनुसार, ये PSU पर्यटन, मिनरल डेवलपमेंट, अर्बन ट्रांसपोर्ट, मेडिकल इंफ्रास्ट्रक्चर, विद्युत, कृषि, वन, फिल्म आदि क्षेत्र में काम करते हैं।
डिविडेंड नहीं देने वाले PSU को अपने लाभ का अधिकतम 30 प्रतिशत तक देने का निर्देश दिया गया है।
15 करोड़ का नहीं किया भुगतान
PSU JSMDCL ने एक्स्ट्राऑर्डिनरी जनरल मीटिंग (EGM) में डिविडेंड की घोषणा की है।
इसके विपरीत राज्य सरकार को 15 करोड़ रुपए का भुगतान नहीं किया है। कुल सोलह पीएसयू (उपरोक्त आठ को मिलाकर) ने पिछले तीन सालों से अधिक समय से वैधानिक ऑडिट (स्टेट्यूटरी ऑडिट) रिपोर्ट नहीं दी है। उसे भी सरकार ने रिपोर्ट देने का निर्देश दिया है।
चलाया जा सकता है मुकदमा
वित्त विभाग के प्रधान सचिव की अध्यक्षता में 29 नवंबर को हुई मीटिंग में पीएसयू की ऑडिट रिपोर्ट, फाइलिंग, इनके लाभ पर दिए जाने वाले डिविडेंड और ओवर कैपिटलाइजेशन (किसी कंपनी की पूंजी का मूल्य उसकी कुल परिसंपत्तियों से ज्यादा) को वापस लेने पर विस्तृत चर्चा हुई।
बैठक में कहा गया है कि ऐसे पीएसयू के निदेशक पर कंपनी अधिनियम के तहत मुकदमा चलाया जा सकता है और जुर्माना भी लगाया जा सकता है।
इनको देना है डिविडेंड
झारखंड स्टेट मिनरल डेवलपमेंट कारपोरेशन लिमिटेड, झारखंड स्टेट विवरेज कारपोरेशन लिमिटेड, झारखंड स्टेट बिल्डिंग कंस्ट्रक्शन कारपोरेशन लिमिटेड, झारखंड पुलिस हाउसिंग कारपोरेशन लिमिटेड, झारखंड मेडिकल एंड हेल्थ इंफ्रास्ट्रक्चर डेवलपमेंट एंड प्रोक्योरमेंट कारपोरेशन लिमिटेड, जुडको लिमिटेड, रांची स्मार्ट सिटी कारपोरेशन लिमिटेड, झारखंड एक्सपोलरेशन एंड माइनिंग कारपोरेशन लिमिटेड।
झारखंड टूरिज्म डेवलपमेंट कॉरपोरेशन लिमिटेड और झारखंड स्टेट फूड एंड सिविल सप्लाइ कारपोरेशन लिमिटेड पेंडिंग में हैं।