Repair of Ratna Bhandar of Jagannathpur temple: श्रद्धालुओं के लिए बड़ी खुशखबरी। ओडिशा के पुरी स्थित जगन्नाथ मंदिर के ‘रत्न भंडार’ (‘Ratna Bhandar’ of Jagannath Temple) की मरम्मत का काम 16 दिसंबर से शुरू हो सकता है.
भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (ASI) ने प्रस्तावित मरम्मत कार्य के लिए मंदिर की नीति उप-समिति से मंजूरी मांगी है. एएसआई के अधीक्षक डी बी गरनाइक ने इस बात की जानकारी दी है.
उन्होंने बताया कि मंदिर की नीति समिति से मंजूरी मिलने के बाद जगन्नाथ मंदिर के ‘रत्न भंडार’ की मरम्मति का काम शुरू किया जायेगा. उन्होंने कहा कि संभवत मरम्मति का काम 16 दिसंबर से शुरू होगा.
सर्वे रिपोर्ट आधार पर होगी मरम्मत
ASI के अधीक्षक डी बी गरनाइक (D B Garnaik) ने बताया कि ASI ने हैदराबाद स्थित राष्ट्रीय भूभौतिकी अनुसंधान संस्थान की सहायता से पुरी स्थित 12वीं सदी के जगन्नाथ मंदिर के रत्न भंडार का GPR-GPS सर्वेक्षण किया था.
संस्थान ने पिछले महीने ही ASI को अपनी सर्वे रिपोर्ट सौंपी है. मंदिर प्रबंधन की मंजूरी और संस्थान के सर्वे रिपोर्ट के अनुसार और मरम्मति का काम किया जायेगा.
बता दें कि राज्य सरकार ने जनवरी 2025 के अंत तक मंदिर में संग्रहित आभूषणों की सूची तैयार करने का लक्ष्य रखा है. यानी एएसआई इससे पहले रत्न भंडार की मरम्मति का काम पूरा करने की कोशिश करेगा, ताकि आभूषणों को अस्थायी कोषागारों से वापस ‘रत्न भंडार’ में रखा जा सके.
46 साल बाद खोला गया था मंदिर का खजाना
बता दें कि जगन्नाथ मंदिर का खजाना 46 साल बाद जुलाई 2024 में खोला गया था. आभूषणों, मूल्यवान वस्तुओं की सूची और संरचना की मरम्मत करने के लिए रत्न भंडार को खोला गया था.
इसके पहले 1978 में इसे खोला गया था. खबरों के अनुसार, आंतरिक रत्न भंडार से अक्सर फुफकारने की आवाजें आती हैं. मान्यता है कि सांपों का एक समूह भंडार में रखे रत्नों की रक्षा करता है. यह देखते हुए रत्न भंडार (Ratna Bhandar) खोले जाने से पहले मंदिर समिति ने भुवनेश्वर से सांप पकड़ने में एक्सपर्ट दो व्यक्तियों को पुरी बुलाया था. साथ ही आपातकालीन स्थिति से निपटने के लिए डॉक्टरों टीम भी तैनात की गई थी.