Doctors will not be Appointed on Contract in Medical Colleges: सोमवार को Jharkhand High Court ने राज्य के मेडिकल कॉलेजों में कॉन्ट्रैक्ट पर चिकित्सकों की नियुक्ति (Appointment of Doctors) प्रक्रिया पर रोक लगा दी है।
हाईकोर्ट ने इस मामले में राज्य सरकार और JPSC से जवाब मांगा है। चीफ जस्टिस MS Ramachandra Rao और जस्टिस दीपक रोशन की अदालत ने सरकार और JPSC को यह बताने को कहा है कि जब सभी पद नियमित नियुक्ति वाले हैं, तो इसपर संविदा पर नियुक्ति क्यों की जा रही है।
उम्मीदवारों का चयन walk-in-interview के माध्यम से किया जा रहा था। डॉक्टरों की एनाटॉमी, फिजियोलॉजी, पैथोलॉजी, माइक्रोबायोलॉजी, फार्माकोलॉजी, शिशु रोग, स्त्री एवं प्रसूति, मनोरोग, औषधि, और अन्य प्रमुख विभाग में किए जाने हैं।
नियमित पदों पर संविदा के आधार पर नियुक्ति क्यों
बता दें कि इस संबंध में असीम शकील ने याचिका दायर की है। कहा गया है कि झारखंड सरकार ने मेडिकल कॉलेज में डॉक्टरों के 170 रिक्त पदों पर नियुक्ति प्रक्रिया शुरू की है।
इसके लिए साक्षात्कार भी शुरू कर दिया गया है। जिन पदों पर संविदा पर नियुक्ति की जा रही है, वह नियमित नियुक्ति से ही भरे जा सकते हैं। इस पर संविदा पर नियुक्ति नहीं की जा सकती।
2 साल के लिए होनी है नियुक्ति
गौरतलब है कि झारखंड के एमजीएम मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल (MGM Medical College and Hospital) समेत पांच सरकारी मेडिकल कॉलेजों में डॉक्टरों की कमी को राज्य के स्वास्थ्य, चिकित्सा शिक्षा एवं परिवार कल्याण विभाग ने संविदा आधारित डॉक्टरों की नियुक्ति के लिए विज्ञापन निकाला है।
नियुक्ति के लिए जारी विज्ञापन के अनुसार चयनित डॉक्टरों को 1,50,000 का मासिक मानदेय निर्धारित है। संविदा पर नियुक्ति अधिकतम दो वर्षों के लिए होगी या स्थायी नियुक्ति होने तक मान्य होगी।