1.36 Lakh Crore Lend Money Case : लंबे समय से Jharkhand सरकार की ओर से केंद्र से मांगे जा रहे बकाया 1.36 लाख करोड़ रुपये के मामले में नया मोड़ तब आया, जब लोकसभा में सरकार ने साफ कह दिया कि झारखंड का कोई बकाया नहीं है।
इसके मामले में राजस्व, निबंधन एवं भूमि सुधार और परिवहन विभाग के मंत्री दीपक बिरुआ (Deepak Birua) ने जवाबी अंदाज में तीखी प्रतिक्रिया व्यक्त की है।
कहा कि झारखंड की मंईयां, बच्चों, युवा, वृद्ध, आदिवासी-मूलवासी, दलित, अल्पसंख्यक और विस्थापितों के विकास के लिए हमारा बकाया देने से केंद्र सरकार ने मन कर दिया।
यह झारखंड और यहां के लोगों के लिए नाइंसाफी है। उन्होंने इसके साथ ही बकाया राशि के सभी बिंदुओं पर विस्तार से जानकारी दी।
यह भी कहा कि इनकी नीयत शुरू से झारखंडियों को दबाने और उनका हक-अधिकार छीनने की रही है। लेकिन, हम अपना संघर्ष जारी रखेंगे। कानूनी लड़ाई लड़ेंगे।
बकाया राशि का विवरण
मंत्री ने बताया कि कुल बकाया राशि लगभग ₹1,36,042 करोड़ है। वॉश्ड कोयला रॉयल्टी के रूप में ₹2,900 करोड़, पर्यावरण मंजूरी सीमा के उल्लंघन के लिए ₹32,000 करोड़, भूमि अधिग्रहण मुआवजे के रूप में ₹41,142 करोड़ (₹38,460 करोड़ GM भूमि और ₹2,682 करोड़ GM.J.J भूमि के लिए)।
इस पर लगी सूद की रकम ₹60,000 करोड़, कुल ₹1,36,042 करोड़।
CM ने PM को चुनाव के दौरान लिखा था पत्र
मंत्री ने कहा कि चुनाव के दौरान भी मुख्यमंत्री Hemant Soren ने प्रधानमंत्री Narendra Modi को पत्र भी लिखा था।
अब इसका जवाब केंद्र से मिल चुका है। केंद्र सरकार ने लोकसभा में स्पष्ट किया है कि झारखंड का रॉयल्टी का 1.36 लाख करोड़ रुपये केंद्र पर बकाया नहीं है। अब इस भेदभाव के खिलाफ लड़ाई लड़ी जाएगी।