रांची: झारखंड के 65 हजार पारा शिक्षकों के लिए 22 फरवरी का दिन बेहद अहम होने वाला है। सालों से स्थायीकरण व वेतनमान को लेकर संघर्ष कर रहे पारा शिक्षकों के मामले में फैसले की घड़ी करीब आ चुकी है।
सीएम हेमंत सोरेन खुद इस मामले में अहम बैठक करने वाले हैं। संभव है पारा शिक्षकों की समस्याओं का समाधान हाे जाए। इसके संकेत साफ हैं। इसको लेकर एकीकृत पारा शिक्षक संघर्ष मोर्चा की राज्य इकाई गंभीर है।
साथ ही मोर्चा के बिनोद बिहारी महतो, संजय कुमार दुबे, हृषिकेश पाठक, प्रमोद कुमार, नरोत्तम सिंह मुंडा, दशरथ ठाकुर, मोहन मंडल, प्रद्युम्न कुमार सिंह (सिंटू) ने सभी अगुआ साथियों (प्रखंड, जिला एवं राज्य इकाई के) से 22 फरवरी को रांची प्रोजेक्ट बिल्डिंग के समक्ष 11 बजे उपस्थित रहने का आग्रह किया है, ताकि वर्षों के संघर्ष का परिणाम देखा जा सके।
वहीं, अगर सरकार हमारी मांगों को पूरा करने से मुकरती है तो आगे की क्या रणनीति होगी इस पर भी फैसला लिया जा सके।
सभी से एकजुटता का आह्वान
इधर, एकीकृत पारा शिक्षक संघर्ष मोर्चा ने अपने सभी टेट उत्तीर्ण, प्रशिक्षित एवं अप्रशिक्षित तमाम पारा शिक्षकों से एकजुट रहने का आग्रह किया है।
साथ ही कई मुद्दों पर फैलाये जा रहे भ्रम को भी दूर किया है। कहा गया है कि कुछ साथियों का आरोप है कि मोर्चा ने अप्रशिक्षित पारा शिक्षकों को हटाने की संवैधानिक सहमति दी है, तो यह गलत आरोप है एवं पूर्व की सरकार की साजिश का हिस्सा है।
वो एक प्रेस विज्ञप्ति थी जिसका हमलोगों ने प्रतिकार किया है। हमलोग सभी को मानदेय मिले इसके लिए प्रयासरत हैं।
सरकार से क्या चाहता है मोर्चा
-राज्य के सभी 65 हजार पारा शिक्षकों का स्थायीकरण एवं वेतनमान।
-प्रशिक्षित पारा शिक्षकों के लिए 100 में 30 अंकों वाली आकलन परीक्षा अथवा सरकार के किसी भी हालत में आकलन नहीं मानने पर सीमित टेट” जिसमें सभी प्रशिक्षित पारा शिक्षक शामिल हो सकें (न्यूनतम अंक या उम्र की बाध्यता के कारण परीक्षा में शामिल होने से वंचित नहीं हो सकें)।
-यहां ये उद्धृत करना आवश्यक है कि टेट उत्तीर्ण पारा शिक्षकों के लिए बगैर किसी अन्य परीक्षा के वेतनमान पर सरकार सहमत है।
-सभी अप्रशिक्षित एवं एनसी अंकित पारा शिक्षकों के बकाए मानदेय का भुगतान (लगभग 11 सौ एनसी क्लियर का भुगतान हो चुका है शेष पर संघर्ष जारी)
-पलामू के छतरपुर एवं नौडीहा बाजार प्रखंड के 436 पारा शिक्षकों के बकाए एवं नियमित मानदेय का भुगतान (6 माह का भुगतान 3 माह पूर्व हो चुका है, 4 माह का प्रक्रियाधीन)
-टेट विसंगति का वर्धित मानदेय भुगतान।
-राज्य के हजारों पारा शिक्षकों के पूर्व के वित्तीय वर्षों का बकाया भुगतान (बायोमेट्रिक, शून्य उपस्थिति एवं अन्य कई विभागीय कारणों के कारण)
-आंदोलन के क्रम में रांची एवं राज्य के अन्य थानों में पारा शिक्षकों तथा उनके परिजनों पर दर्ज मुकदमों को वापस लिया जाए।
कल्याण कोष की बैठकों में दिया प्रस्ताव
-पारा शिक्षकों की मृत्यु पर न्यूनतम 5 लाख एवं प्रतिवर्ष 10% की वृद्धि।
-सेवा निवृत्ति पर न्यूनतम 5 लाख (एकमात्र कटौती 200 रुपये पर भी) एवं प्रतिवर्ष 10% की वृद्धि।
-असाध्य बीमारी की स्थिति में व्यय होने वाली राशि के बराबर सहयोग राशि।
-पुत्री की शादी एवं पुत्र पुत्रियों के उच्च शिक्षा हेतु न्यूनतम 3 लाख रुपये का बिना ब्याज लोन।
-सेवानिवृति के पश्चात मासिक पेंशन।