ISRO is going to Create History Again: भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO) तीसरी बार एक नई उपलब्धि अपने नाम करने की तैयारी में है। रविवार को स्पाडेक्स मिशन (Spadex Mission) के दो उपग्रहों को अंतरिक्ष में Dock करने का एक और प्रयास किया जा सकता है।
शनिवार शाम को चेजर और टारगेट नामक दो उपग्रहों को एक-दूसरे से सिर्फ 15 मीटर की दूरी पर एक साथ लाया गया और आगे की जांच के लिए लॉक कर दिया गया।
अधिकारियों ने बताया कि अंतिम डॉकिंग (Docking) प्रक्रिया रविवार को की जा सकती है। आपको बता दें कि शुक्रवार शाम उपग्रहों के बीच की दूरी 1.5 किलोमीटर थी।
भारत अंतरिक्ष डॉकिंग प्रौद्योगिकी रखने वाला दुनिया का चौथा देश बनने की ओर अग्रसर
यह प्रौद्योगिकी भारत की अंतरिक्ष महत्वाकांक्षाओं जैसे चंद्रमा पर भारतीय मिशन, चंद्रमा से नमूने वापस लाना, भारतीय अंतरिक्ष स्टेशन (BAS) का निर्माण और संचालन आदि के लिए आवश्यक है। इस मिशन के माध्यम से, भारत अंतरिक्ष डॉकिंग प्रौद्योगिकी रखने वाला दुनिया का चौथा देश बनने की ओर अग्रसर है।
अंतरिक्ष एजेंसी ने ‘X’ पर एक पोस्ट में कहा, सभी सेंसर का मूल्यांकन किया जा रहा है। अंतरिक्ष यान की स्थिति सामान्य है। हालांकि, अंतरिक्ष एजेंसी ने ‘डॉकिंग’ प्रयोगों के संचालन की तारीख के बारे में कोई प्रतिबद्धता नहीं जताई है, जो उपग्रहों को अंतरिक्ष में डॉकिंग करेगा।
स्पाडेक्स परियोजना पहले ही 7 और 9 जनवरी को ‘डॉकिंग’ प्रयोगों के लिए घोषित दो समय सीमा को चूक गई है। इसरो ने 30 दिसंबर को स्पेस डॉकिंग एक्सपेरीमेंट (Spadex) मिशन को सफलतापूर्वक अंतरिक्ष में भेजा था।
ISRO के अनुसार, Spadex मिशन दो छोटे अंतरिक्ष यान का उपयोग कर अंतरिक्ष में डॉकिंग के लिए एक किफायती प्रौद्योगिकी मिशन है जिसे PSLV के जरिये लॉन्च किया गया था।